
रांची। झारखंड में चंपाई सोरेन की सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। सोमवार को हुई वोटिंग में सोरेन के पक्ष में 47 वोट पड़े। जबकि विपक्ष को केवल 29 वोट मिले। विधानसभा में मतदान के दौरान कुल 77 विधायक मौजूद रहे। हालांकि भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का एक-एक और एक निर्दलीय विधायक गैर हाजिर रहे। इसके अलावा निर्दलीय सरयू राय सदन में तो थे, लेकिन उन्होंने वोट नहीं डालकर चंपाई की राह आसान कर दी। वोटिंग के दौरान पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी मौजूद थे।
राज्य में 41 है मैजिक फिगर
81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है। जबकि, चंपाई अपने साथ 43 विधायक लेकर राजभवन गए थे। गौरतलब है कि हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद झारखंड के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को पद की शपथ ली थी और बहुमत साबित करने के लिए आज की तारीख तय हुई थी। उन्होंने विधानसभा में विश्वास मत पेश किया और इसके बाद इस पर चर्चा शुरू हुई।
चंपाई सोरेन का बीजेपी पर निशाना
चंपाई ने सदन में कहा कि बीजेपी ने सरकार को अस्थिर करने की पुरजोर कोशिश की। लेकिन उनकी पार्टी ने उन्हें असफल कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी हेमंत सोरेन को झूठे मामलों में फंसाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। चंपाई सोरेन ने कहा कि वे सीएम रहते हुए हेमंत सोरेन की योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे।
साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा: हेमंत
विधानसभा में हेमंत सोरेन ने भी अपनी बात रखी। चर्चा में हिस्सा लेते हुए हेमंत ने कहा कि बड़ा बयान देते हुए कहा कि साबित करें वो जमीन मेरे पास है। यदि, यह साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा। उन्होंने साफ कहा कि न तो वे आंसू बहाएंगे और न ही हार मानेंगे। सोरेन ने कहा कि उनको जेल में डालकर बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं होंगे। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि यदि ईडी में हिम्मत है तो वे अपने कागज दिखाएं।
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