ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

नौकरी दिलाने के नाम पर 1 करोड़ 60 लाख की धोखाधड़ी, मल्टीनेशनल कम्पनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर करते थे ठगी, एमपी पुलिस ने नोएडा से किया मास्टरमाइंड को अरेस्ट

भोपाल। राजधानी भोपाल से करोड़ों की ठगी के सनसनीखेज मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इसने भोपाल में रहने वाले एक शख्स को मल्टीनेशनल कंपनी में ऑफिसर बनाने के नाम पर 1 करोड़ 60 लाख की रकम हड़प ली थी। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस ठग ने अब तक 97 लोगों को इसी तरह अपना शिकार बनाकर उनसे करोड़ों की धोखाधड़ी की है। नोएडा से गिरफ्तार किया गया ये नटवरलाल ऐसे लोगों को अपना निशाना बनाता था, जो नौकरी तलाश रहे होते थे। इसके बाद मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब दिलाने के नाम पर अलग-अलग चार्ज बताकर उनसे पैसे ऐंठता था। आरोपी ने इसके लिए मल्टी नेशनल कंपनी जैसी दिखने वाली एक फर्जी वेबसाइट भी बना रखी थी। देखें वीडियो

कार, मोबाइल और लैपटॉप जब्त

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक भोपाल निवासी रंजीत सिंह एक मल्टीनेशनल कंपनी मे करते थे। पिछले कुछ समय पहले वे काम छोड़कर नई नौकरी की तलाश कर रहे थे। उसी समय उनकी जॉब सर्च करते हुए एक वेबसाइट पर पड़ी। इस वेबसाइट में शातिर ठग ऋषभ दुबे पिता मनीष दुबे निवासी–सिसवान बाबतपुर जिला वाराणसी का संपर्क नंबर था। इस नंबर पर जब रंजीत ने बात की तो उसने झांसा देकर नौकरी के नाम पर 1 करोड़ 60 लाख रूपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। धोखे का अहसास होने के बाद रंजीत ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने तफ्तीश के बाद दो आरोपियों को हिरासत में लिया। उनकी निशानदेही पर भोपाल की साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने ठगी के मास्टरमाइंड ऋषभ को नोएडा से गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के पास से मोबाइल, लैपटॉप और कार भी जब्त की है।

वेबसाइट मे ही था पेमेंट गेटवे

पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि ऋषभ ने इस काम में मदद के लिए दो लोगों को साथ रखा हुआ था। ऋषभ ने अलग-अलग नाम से जॉब देने वाली मल्टीनेशनल कम्पनी की एक वेबसाइट की तर्ज पर फर्जी साइट बनवाई थी। इसके जरिए आरोपी वेबसाइट को विजिट करने वाले लोगों को डाटा निकाल कर लोगों को कॉल करके उनकी जरूरत के हिसाब की नौकरी दिलवाने का लालच देते थे। आरोपियों ने वेबसाइट मे ही पेमेंट गेटवे की सुविधा ले रखी थी। इससे लोगों को उस वेबसाइट पर जल्द भरोसा हो जाता था।

अलग–अलग राज्यों के एटीएम से निकालते थे रकम

आरोपी अपनी पहचान छिपाने व पुलिस से बचने के लिये फर्जी नंबरों से कॉल करते थे और एक मोबाइल नम्बर को 5 से 10 कॉल करने के बाद बंद कर देते थे। वेबसाइट का पेमेंट गेटवे भी उन्होंने फर्जी दस्तावेज लगा कर बनवाया था। आरोपी फरियादी से बात करने के लिए ईमेल आईडी का उपयोग करते थे। पुलिस से बचने के लिए आरोपी गेटवे में लिंक बैंक खाते से देश के अलग–अलग राज्यों में जाकर एटीएम कार्ड के जरिए पैसे निकालते थे, जिससे पुलिस को इनकी सटीक लोकेशन नहीं मिल पाती थी। अब साइबर क्राइम ब्रांच मास्टरमाइंड से अन्य वारदातों के साथ ही इस काले कारोबार में लिप्त अन्य सहयोगियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। एमपी पुलिस को उम्मीद है कि इनसे अब अन्य वारदातों का भी खुलासा होगा।

ये भी पढ़ें- पिता और उसके 2 बेटे खुद को बताते थे मंत्रियों का खास आदमी, वल्लभ भवन में नौकरी के नाम पर की 15 लाख की ठगी, 2 आरोपी गिरफ्तार, 1 फरार

संबंधित खबरें...

Back to top button