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रिलायंस ने किया टर्मिनेट तो बना लिया गिरोह, चुराने लगे मोबाइल टॉवर्स में लगे बेस बैंड यूनिट (BBU) कार्ड, 35 लाख के माल के साथ 5 गिरफ्तार

भोपाल। रिलांयस जियो के टॉवरों से नेटवर्क कार्ड चोरी करने वाले शातिर चोरों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। इस अंतर्राज्यीय शातिर गिरोह के पास से पुलिस ने 10 बीबीयू 5 जी नेटवर्क कार्ड और एक कार भी जब्त की है। बरामद किए गए माल की कुल कीमत 35 लाख रुपए बताई जा रही है। गिरोह का सरगना रिलायंस जियो कंपनी का ही एक पूर्व कर्मचारी है, जिसे कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया था। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों और माल खरीदने वाले दो कबाड़ियों को हिरासत में ले लिया है, जबकि दो आरोपी फरार है।

ऐसे हुआ खुलासा

भोपाल और आस-पास के इलाकों में लंबे समय से रिलायंस के मोबाइल टॉवर्स में से बेस बैंड यूनिट (BBU) कार्ड चोरी होने की शिकायतें मिल रही थीं। ये कार्ड फाइव जी सेवा देने के लिए मोबाइल टॉवर्स में लगाए जाते हैं और इस तरह के एक कार्ड का बाजार भाव लगभग साढ़ें तीन लाख रुपए है। कंपनी ने क्राइम ब्रांच में इसकी लिखित कंप्लेन की थी। इसी दौरान टीम को मुखविर से सूचना मिली कि भोपाल के नवीबाग इलाके में सफेद रंग की कार में बैठा एक लड़का मोबाइल टॉवरों में लगी डिवाइस सस्ते दाम पर बेचने की कोशिश कर रहा है। जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची और राहुल शर्मा नाम के युवक को पकड़कर कार की तलाशी ली तो दो बीबीयू कार्ड्स मिल गए। इसके बाद जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो इस गिरोह का भंडाफोड़ हो गया।

ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

मधुसूदनगढ़ के रहने वाले राहुल ने बताया कि वह पहले टॉवर कंपनी में ही काम करता था और उसने अपन साथियों संजू अहिरवार, महेंद्र जोगी , सोनू चिडार, राहुल सौंधिया के साथ मिलकर चुराए हैं। ये गिरोह रात के समय जाकर मोबाइल टॉवर्स में लगे इन डिवाइस को निकाल लेता था और कबाड़ी को बेच देता था। इस गिरोह ने भोपाल के अलावा देवास, इंदौर, मंडीदीप और अन्य स्थानों से बीबीयू कार्ड्स चोरी करने की बात स्वीकारी है। पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरोह से पूछताछ में और भी कई खुलासे हो सकते हैं।

3 लाख का माल 15 हजार में बेचा

पुलिस को इस गिरोह से एक बेहद चौंका देने वाली जानकारी भी हाथ लगी है। पुलिस के मुताबिक, गिरोह के सदस्य साढ़े तीन लाख की कीमत वाले बीबीयू कार्ड को दो कबाड़ियों के यहां बेच देते थे। ये कबाड़ी इन कार्ड्स को केवल 12 हजार रुपए में इस गिरोह को देता था। विवेचना में पता चला है कि आरोपियों के द्वारा रिलांयस टॉवर में लगे 5 जी बीबीयू कार्ड में लगे सेमीकंडक्टर तथा सिलिकॉन को चाइना या अन्य देशों में भी सप्लाई कर एवं रिस्टोर कर फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। पुलिस इस गिरोह के तार विदेश में किसी से जुड़े होने की संभावना का भी पता लगा रही है।

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