भिंड। चंबल में बदलाव की बयार है। अब बेटी के पैदा होने पर मातम नहीं, बल्कि धूम-धमाके के साथ जश्न मनाया जाता है। लोगों की ये बदलती सोच बता रही है कि चंबल बदल गया है। जी हां, भिंड के मेहगांव में शर्मा परिवार के घर 50 साल बाद किसी बेटी ने जन्म लिया तो इलाके में जश्न का माहौल है। बेटी के आने की खुशी में फूलों की बारिश की गई। गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया गया। पद चिह्न लिए। तुलादान किया और रास्ते में फूल भी बिछाए गए। परिवार के सदस्य एक-दूसरे को बधाईयां दे रहे हैं।
दरअसल, मेहगांव में रहने वाले सुशील शर्मा और रागिनी शर्मा के घर 16 सितंबर को बेटी ने जन्म लिया है। सुशील के घर इससे पहले उनकी बुआ का जन्म हुआ था। इसके बाद उनके कोई बहन नहीं थी। सुशील को बहन की कमी हमेशा महसूस होती थी। अब बेटी ने ग्वालियर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में जन्म लिया है।
दादा ने समाजसेवी संस्था को बताया और हो गई तैयारी
घर में पोती के जन्म का पता चला तो दादा प्रदीप शर्मा ने स्थानीय स्तर पर बेटियों के जन्म पर उत्सव मनाने वाली समाजसेवी संस्था कैंप के सदस्यों को जानकारी दी। इसके बाद तैयारियों को भव्य रूप दिया गया। कैंप संस्था के सदस्यों ने मेहगांव में सुशील के घर सामने रास्ते में फूल बिछाए। बेटी के आने पर तुलादान किया। पैरों के पद चिह्न लिए। गाजे-बाजे के साथ गृह प्रवेश कराया।
बेटी का स्वागत कार्यक्रम देखने के लिए आई भीड़
समाजसेवी संस्था के पदाधिकारियों ने क्षेत्रीय लोगों को आने का न्यौता दिया। इसके बाद उत्सव देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। सुशील शर्मा के मुताबिक, बिटिया के स्वागत के लिए उन्होंने कैंप के सदस्यों से संपर्क कर उनको अपने यहां आमंत्रित किया। करीब 3 घंटे में तैयारी की गई और लाडली को गाजे बाजे के साथ गृह प्रवेश कराया। ये संस्था अब तक 60 बेटियों का इसी तरह गृह प्रवेश करा चुकी है।
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भिंड में 1000 पुरुषों पर 838 महिलाएं
जनगणना 2011 के अनुसार, मध्य प्रदेश के भिंड जिले में कुल जनसंख्या के हिसाब से सबसे कम 1 हजार पुरुषों पर 838 महिलाएं थीं। इसके बाद मुरैना जिले में 1 हजार पुरुषों पर 839 महिलाएं थीं।