ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

विदेशों में पाया जाने वाला डेंगू जीनोटाइप-4ए भोपाल में मिला

देश में पहली बार पाया गया स्ट्रेन, आईसीएमआर की रिपोर्ट में खुलासा

प्रवीण श्रीवास्तव- भोपाल। भोपाल में डेंगू का नया रूप जीनोटाइप-4ए मिलने से चिंता बढ़ गई है। यह पहला मामला है, जब विदेशों में पाया जाने वाला यह स्ट्रेन देश में सामने आया है। यह खुलासा इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल एंड रिसर्च (आईसीएमआर) के जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में हुआ है। 2020 से 2022 तक आईसीएमआर की टीम ने भोपाल के कई क्षेत्रों से डेंगू के सैंपल जुटाए थे। इनमें से कुछ में यह वायरस मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक, डेंगू का जीनोटाइप-4ए विदेशों में पाया जाता है। भारत में यह नहीं था, इसलिए इलाज का प्रोटोकॉल भी तैयार नहीं है।

 

सात मच्छरों में मिला नया वायरस: जानकारी के मुताबिक, रिसर्च के लिए टीम ने डेंगू के लिए जिम्मेदार एडीज मच्छरों की दोनों प्रजाति एजिप्टाई के 900 व एल्बोपिक्टस के 1400 मच्छर पकड़े। इसके बाद जांच की गई। एल्बोपिक्टस के 1400 मच्छरों में से 7 मच्छरों में जीनोटाइप-4ए वायरस पाया गया है। अब और सैंपल जबलपुर स्थित आईसीएमआर लैब भेजे गए हैं।

इस साल 490 डेंगू के मरीज: भोपाल में जनवरी से अब तक डेंगू मरीजों की संख्या 490 तक पहुंच गई है। इसमें खास बात यह है कि बीते तीन महीने अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में डेंगू के 370 मरीज सामने आए हैं। यानि ज्यादा मरीज इन तीन महीनों में ही मिले हैं। हालांकि, इस वर्ष अच्छी बात यह है कि डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई है।

भोपाल में फिलहाल डेंगू के चार स्ट्रेन हैं मौजूद

जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे के मुताबिक, भोपाल में फिलहाल डेंगू के चार वैरिएंट मौजूद हैं।

  • डेन-1 : भोपाल में 10% मरीज हैं।
  • डेन-2 : 60% मरीज हैं।
  • डेन-3 : 30% मरीज हैं।
  • डेन-4 : यह सबसे ज्यादा घातक है। हालांकि इसके एक भी मरीज नहीं हैं।

जीनोटाइप-4ए : डेन-2 का ही सब वैरिएंट है। चूंकि, डेन-2 ज्यादा खतरनाक नहीं होता, ऐसे में माना जा रहा है कि जीनोटाइप-4ए भी घातक नहीं होगा।

डेंगू के नए सैंपलों को सर्विलांस के लिए जबलपुर आईसीएमआर लैब में भेजा है। रिपोर्ट के आधार पर ही कुछ बता सकेंगे। – डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल

संबंधित खबरें...

Back to top button