इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर : तहसीलदार आज से 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर, व्हाट्सएप ग्रुप भी छोड़ा; कर्मचारियों में आक्रोश, कई बार प्रशासन को दे चुके हैं ज्ञापन

इंदौर/भोपाल। इंदौर सहित प्रदेशभर के तहसीलदार-नायब तहसीलदार सोमवार से तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। इतना ही नहीं, प्रशासन का जो व्हाट्सएप ग्रुप है, उसे भी तहसीलदारों ने फिलहाल छोड़ दिया है। अपनी मांगों को लेकर पिछले कई समय से वह लगातार शासन-प्रशासन को ज्ञापन भी देते आ रहे हैं और सभी सरकारी कर्मचारियों में आक्रोश भी है कि सरकार उनकी जायज मांगों को सालों से लटका कर रखा हुआ है। क्योंकि, यह चुनावी साल है, लिहाजा सरकार जिस तरह से हर वर्ग को संतुष्ट करने में जुटी है, ऐसे में उसके महत्वपूर्ण अंग राजस्व अमले को नहीं छोड़ सकती।

मध्य प्रदेश कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा तहसीलदार संघ के अध्यक्ष गुलाब सिंह बघेल ने कहा कि नियमित प्रमोशन, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित करने, राजस्व अधिकारियों की ग्रेड-पे एवं वेतन विसंगतियों को दूर करने की मुख्य मांग है। हम तहसीलदार और नायब तहसीलदार हमेशा किसानों के साथ रहे हैं और किसान हित में ही काम करते हैं। सभी आईआई, पटवारी, कृषि विभाग की टीम सर्वे कर रही है। हमारा काम है केस दर्ज करना और उसे स्वीकृत करना। हम अपना काम करेंगे और किसानों का नुकसान नहीं होने देंगे।

शासन आज ही वार्ता के लिए बुला सकता है

मध्य प्रदेश कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ के बैनर तले यह सामूहिक अवकाश शुरू हुआ है। अभी बेमौसम बारिश-ओले के कारण फसलों को भी नुकसान हुआ है, जिसका सर्वे शुरू होना है। लेकिन, हड़ताल के कारण यह कार्य भी प्रभावित होगा और अन्य सरकारी योजनाओं पर भी असर पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने ओलावृष्टि पर आज 11 बजे से बैठक भी बुलाई है। ऐसे में माना जा रहा है कि शासन आज ही वार्ता के लिए बुलाकर सामूहिक अवकाश के इस गतिरोध को समाप्त करेगी।

तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एसएलआर की मुख्य मांग

जबलपुर में भी तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एसएलआर आज से मांगों को लेकर तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर हैं। मुख्य मांग है कि हमारा समय पर प्रमोशन होना था वह नहीं हुआ। कार्यवाहक का चार्ज मिलना था वो भी नहीं दिया गया। नायब तहसीलदार बहुत महत्वपूर्ण काम करते हैं, लेकिन उन्हें गजटेड करने का काम सरकार ने नहीं किया है। इसमें सरकार को कोई खर्च भी नहीं लगता। 19 साल से ये मांग हम रख रहे हैं। उन्हें गजटेड घोषित किया जाए। नायब तहसीलदार और तहसीलदार के वेतन में विसंगति है। हम इन्हें दूर करने की मांग कर रहे हैं।

(इनपुट – हेमंत नागले)

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