जबलपुरमध्य प्रदेश

EOW का बाइक शोरूम पर छापा: एक वाहन के दो इनवॉइस और दो बीमा पॉलिसी बनाई

जबलपुर। शारदा चौक स्थित रोहित खटवानी की बाइक एजेंसी पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने आज दोपहर के बाद छापा मारा। एजेंसी पर एक ही बाइक की दो इनवॉइस और बीमा पॉलिसी तैयार करने का आरोप है। इस कारण से एक्सीडेंट में मौत गंवाने वाले पीड़ित के परिजनों को बीमा का क्लेम नहीं मिला। प्रारंभिक जांच शुरू करते हुए कई अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। ईओडब्ल्यू डीएसपी मनजीत सिंह के बताया कि नेपियर टाउन निवासी सतीश नायडू ने इसको लेकर एक साल पहले शिकायत की थी। उसके भाई ने किशोर नायडू ने 23 अक्टूबर 2019 को शारदा चौक स्थित खटवानी सेल्स एंड सर्विस से नई बाइक खरीदी थी। बाइक खरीदने के वक्त एजेंसी द्वारा इनवॉइस और बीमा दिया गया था। क्योंकि वाहन का रजिट्रेशन और बीमा का दायित्व एजेंसी ही कराती है। ईओडब्ल्यू की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है।

बीमा क्लेम निरस्त होने पर खुली एजेंसी की पोल

एजेंसी की पोल तब खुली जब एक हादसा हुआ। 30 अक्टूबर को तिलवारा क्षेत्र में नई बाइक से एक्सीडेंट में नायडू की मौत हो गई थी। परिवार वालों ने बीमा के लिए क्लेम किया। बीमा कंपनी से क्लेम यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि वाहन का इनवॉइस और बीमा तो 04 नवंबर 2019 को जारी हुआ है। इसी के आधार पर वाहन का रजिस्ट्रेशन दर्शाया गया। परिवार के लोगों ने मामले में सूचना के अधिकार के तहत आरटीओ से इसकी जानकारी मांगी। बाइक खरीदने के समय बीमा और इनवाइस उनके पास पहले से ही था। परिजनों ने दोनों दस्तावेज लेकर उनकी ओर से ईओडब्ल्यू में धोखधड़ी की शिकायत की गई थी।

कार्रवाई
शारदा चौक स्थित खटवानी एजेंसी पर EOW ने की कार्रवाई

ईओडब्ल्यू की टीम ने दी दबिश

शिकायत के आधार पर 28 अक्टूबर को इस मामले में प्रोपराइटर खटवानी सेल्स एंड सर्विस 1655 राइट टाउन के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचना कर एक ही बाइक की दो-दो इनवॉइस और दो बीमा तैयार करने का प्रकरण दर्ज किया था। ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत के निर्देश पर 11 नवंबर को डीएसपी मनजीत सिंह, निरीक्षक एसएस धामी सहित 20 सदस्यों की टीम ने खटवानी एजेंसी पर दबिश दी। दबिश में टीम ने कम्प्यूटर हार्ड डिस्क सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। आरटीओ का काम कराने वाले एजेंट के भी बयान दर्ज किए गए हैं।

मिलीभगत से चल रहा था फर्जीवाड़ा

एजेंसी के फर्जीवाड़े की जांच के दौरान जब ईओडब्ल्यू द्वारा आरटीओ से बाइक से संबंधी फाइल मांगी गई तो वहां से जवाब में बताया गया कि फाइल गुम हो गई है। जब ईओडब्ल्यू ने मामले में एफआईआर करने की बात कही तो अगले ही दिन गुम फाइल मिल गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वाहन एजेंसी संचालक और आरटीओ विभाग की मिलीभगत से ही फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा है।

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