
हेमंत नागले, इंदौर। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से लेकर बड़े-बड़े अधिकारी काफी बयानबाजी करते हैं। लेकिन इंदौर जिला अस्पताल में महिला की डिलीवरी ऑटो में हो जाने से कई सवाल सामने खड़े होते हैं। ताजा मामला मंगलवार सुबह सामने आया है। जब एक महिला डिलीवरी के लिए अस्पताल पहुंची, लेकिन वहां पर कोई भी व्यक्ति नहीं मिलने के कारण ऑटो में ही महिला की डिलीवरी हो गई। जिसके बाद डॉक्टरों ने माना कि महिला को प्रसव पीड़ा अधिक हो रही थी और ऑटो में ही बच्चे का सर बाहर आ गया था।
जानें पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, दामोदर नगर में रहने वाली आशा अपने परिजन के साथ डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल पहुंची थी। लेकिन ड्यूटी के दौरान वार्ड में था वह समय पर मौजूद नहीं था। वहीं, महिला को प्रसव पीड़ा बहुत अधिक हो रही थी। जिस कारण से वह दर्द सहन नहीं कर पाई। नतीजा यह हुआ कि ऑटो में ही महिला की डिलीवरी हो गई। जिसके बाद ऑटो चालक ने समझदारी से ऑटो को सीधे जिला अस्पताल परिसर के अंदर ले गया। जहां पर कुछ देर बाद डॉक्टर आए और महिला और बच्चे को लेबर रूम में ले गए। जहां पर महिला के बच्चे की सुरक्षित रूप से डिलीवरी हुई।
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य विभाग पर बड़े सवालिया निशान उठते हैं। जहां एक ओर स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपए सरकार खर्चा कर रही है और वहीं एक ऑटो के अंदर मासूम की डिलीवरी हो जाना कई सवाल खड़े करता है।
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