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पंजाब CM मान ने तिहाड़ में केजरीवाल से की मुलाकात, भावुक होकर बोले- उन्हें ऐसे ट्रीट कर रहे जैसे वे आतंकवादी हों

नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सोमवार दोपहर मुलाकात की। उनके साथ राज्यसभा सांसद संदीप पाठक भी मौजूद रहे। आधे घंटे की मुलाकात के बाद पंजाब सीएम मान भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि, अरविंद केजरीवाल को ऐसे ट्रीट किया जा रहा था कि मानो वे देश के बहुत बड़े आतंकवादी हों। उन्हें क्रिमिनल जैसी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं।

केजरीवाल से मुलाकात के बाद क्या बोले सीएम मान

तिहाड़ जेल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री और AAP नेता भगवंत मान ने कहा, “आमने-सामने बात नहीं हुई। शीशा लगा हुआ था और हम एक-दूसरे से फोन पर बात कर रहे थे। अरविंद केजरीवाल जो एक कट्टर ईमानदार है, जिसने पारदर्शिता की राजनीति शुरू की और भाजपा की राजनीति खत्म की उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल एक सोच का नाम है। व्यक्ति को तो गिरफ्तार किया जा सकता है लेकिन सोच को आप कैसे गिरफ्तार करेंगे?”

हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को दिया था वैध करार

हाईकोर्ट ने केजरीवाल को बड़ा झटका देते हुए धनशोधन के मामले में उनकी गिरफ्तारी को वैध करार दिया था और कहा था कि बार-बार समन जारी करने के बावजूद जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास ‘थोड़ा विकल्प’ बचा था। हाईकोर्ट ने आप नेता की ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद संघीय एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।

21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल

ईडी ने लगभग दो घंटे की पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें शुक्रवार (22 मार्च) को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने छह दिन की रिमांड दी। 28 मार्च को केजरीवाल की रिमांड अवधि खत्म हुई।

जेल से जारी कर चुके दो आदेश

केजरीवाल अब तक जेल से दो आदेश भी जारी कर चुके हैं।

पहला आदेश : केजरीवाल ने पहला सरकारी आदेश 24 मार्च को जल मंत्रालय के नाम जारी किया था। उन्होंने जल मंत्री आतिशी को निर्देश दिया था कि, दिल्ली में जहां पानी की कमी है, वहां टैंकरों का इंतजाम करें।

दूसरा आदेश : केजरीवाल ने दूसरा सरकारी आदेश 26 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम जारी किया था। उन्होंने निर्देश दिए थे कि, मोहल्ला क्लिनिक में गरीबों के लिए दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। लोगों को मुफ्त जांच और दवाई मुहैया कराई जाए।

पहली बार किसी सीएम की हुई गिरफ्तारी

यह पहला ऐसा मामला है जब किसी मुख्यमंत्री को पद पर रहते हुए ही गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले जो भी सीएम किसी आरोप के कारण जांच या फिर गिरफ्तारी के दायरे में आए थे, उन्होंने अपने पद से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को ED ने गिरफ्तार किया था। सोरेन ने ED की हिरासत में राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को लेकर की सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या है पूरा मामला ?

दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।

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