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बालासोर ट्रेन हादसा : न्यायिक हिरासत में भेजे गए रेलवे के 3 अफसर, 7 जुलाई को CBI ने किया था गिरफ्तार; 292 लोगों की गई थी जान

भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए ट्रेन हादसे को लेकर भुवनेश्वर की एक विशेष अदालत ने तीन आरोपी रेलवे अधिकारियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। स्पेशल कोर्ट ने तीनों को पांच दिन की CBI रिमांड में भेजा था। 11 जुलाई को तीनों की रिमांड चार दिन के लिए बढ़ा दी गई थी। बता दें कि इस हादसे में 292 लोगों की मौत हो गई थी।

27 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार को 7 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। तीनों को आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या का केस) के तहत गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 201 (सबूत मिटाने) और रेलवे एक्ट की धारा 153 के तहत भी केस दर्ज किया गया है। CBI रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें CBI स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।

7 अफसरों को किया था सस्पेंड

रेलवे ने 12 जुलाई को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा गिरफ्तार किए गए रेलवे के तीन कर्मचारियों समेत कुल सात कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया था। 2 जून को बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास हुए रेल हादसे में 293 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

कर्मचारियों की लापरवाही ही हादसे की वजह : रेलवे

दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा ने मीडिया के साथ अपनी बातचीत के दौरान साफ कहा कि अगर रेल ऑफिसर औऱ वर्कर एलर्ट होते तो दुर्घटना को निश्चित तौर पर टाला जा सकता था। उन्होंने ये भी कहा कि रेलवे ने अब तक सात कर्मचारियों और अधिकारियों को निलंबित किया है, इनमें तीन वो भी हैं, जिन्हें सीबीआई अरेस्ट कर चुकी है। रेलवे के नियम के मुताबिक गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर ही रेलवे अपने कर्मचारी को सस्पेंड करता है।

292 की मौत, 1 हजार से ज्यादा हुए थे घायल

ओडिशा के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास विगत 2 जून की शाम सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी से टकराई थी। इसके बाद इसकी चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी इन दोनों ट्रेनों की चपेट में आ गई थी। इस भीषण रेल दुर्घटना में कुल 292 मुसाफिरों की मौत हुई थी जबकि एक हजार से ज्यादा यात्री घायल हो गए थे। इसके बाद रेल मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे और बाद में इस केस को किसी साजिश का अंदेशा होने के कारण सीबीआई को सौंपा गय था। तीनों ट्रेनों की भयानक और भीषण टक्कर के बाद रेल ट्रैक से कई किलोमीटर की पटरी तक गायब हो गई थी।

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