
नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस संबंध में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को जानकारी दी। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सत्र होगा। यह सत्र पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा।
किरेन रिजिजू ने दी जानकारी
मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया- माननीय राष्ट्रपति (द्रौपदी मुर्मू) ने भारत सरकार की सिफारिश पर 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक शीतकालीन सत्र के लिए संसद के दोनों सदनों की बैठकें बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में कार्यक्रम का आयोजन होगा।
बता दें कि 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अंगीकार किया गया था और यह 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ था। पूर्व में हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में मनाया जाता था। साल 2015 में संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की ताकि लोगों को संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके।
हंगामेदार हो सकता है सत्र!
18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में वक्फ एमएलए, वन नेशन वन इलेक्शन समेत कई बिल पेश होने की उम्मीद है। इसके साथ ही सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पारित होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष के तीखे तेवर भी देखने को मिले। इसलिए 2024 में संसद के शीतकालीन सत्र में भारी हंगामे की आशंका है।