
रुड़की। बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह यानी बिट्टू का उत्तराखंड में एनकाउंटर हो गया। उत्तराखंड STF और हरिद्वार पुलिस ने मंगलवार सुबह इमली खेड़ा मार्ग पर उसे मुठभेड़ में मार गिराया। लेकिन, उसका दूसरा साथी भाग निकला। पुलिस इस हत्याकांड में शामिल दूसरे फरार आरोपी की तलाश कर रही है। बता दें कि 28 मार्च को नानकमत्ता डेरा प्रमुख तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
Haridwar, Uttarakhand | Amarjit Singh, who shot dead Baba Tarsem Singh, head of Sri Nanakmatta Sahib Gurdwara Dera Kar Seva, on March 28, has been killed by Uttarakhand STF and Haridwar Police in an encounter in Thana Bhagwanpur area. The killer's second accomplice has fled and…
— ANI (@ANI) April 8, 2024
दूसरे आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस
डीजीपी कुमार ने आगे बताया, तरसेम सिंह की हत्या मामले में दो मुख्य आरोपी थे। जिसमें एक को तो पुलिस ने ढेर कर दिया, लेकिन दूसरा आरोपी फरार हो गया। उसकी तलाश जारी है। अमरजीत सिंह बिट्टू को उत्तराखंड STF और हरिद्वार पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया है। हरिद्वार के भगवानपुर इलाके में उसका एनकाउंटर किया गया। मारा गया बिट्टू तरसेम सिंह की हत्या मामले में मुख्य आरोपी था।
अमरजीत सिंह बिट्टू के खिलाफ 16 मुकदमे
हरिद्वार के SSP परमिंदर डोभाल ने बताया कि अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू के खिलाफ 16 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। बता दें कि तरसेम सिंह की हत्या के बाद से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे थे और उन्होंने पुलिस को संदिग्धों को तुरंत पकड़ने के निर्देश भी दिए थे।
28 मार्च को हुई थी बाबा तरसेम सिंह की हत्या
उत्तराखंड में नानकमत्ता डेरा के प्रमुख जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की 28 मार्च को हत्या कर दी गई थी। ऊधमसिंह नगर के गुरुद्वारे में बाइक पर आए दो बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां दागी थी और मौके से फरार हो गए थे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गुरुद्वारे के बाहर घात लगाए बैठे थे बदमाश
28 मार्च को सुबह करीब 6 बजे बाबा तरसेम सिंह पर हमला हुआ था। जब बाबा टहलने के लिए शिविर से बाहर निकले थे। बदमाश पहले से ही गुरुद्वारे के बाहर घात लगाए बैठे थे। जैसे ही बाबा बाहर आए बदमाशों ने उन्हें निशाना बनाया और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दी। जिसमें उन्हें एक गोली पेट में, एक कलाई में और एक हाथ में लगी थी।
हत्या के कुछ दिनों बाद नानकमत्ता पुलिस स्टेशन में पूर्व IAS अधिकारी हरबंस सिंह चुघ और दो अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिनकी पहचान प्रीतम सिंह और बाबा अनूप सिंह के रूप में की गई थी। इस एफआईआर में आरोप था कि चुघ ने नामित दो अन्य लोगों के साथ मिलकर तरसेम सिंह की हत्या की साजिश रची।