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छोटी-छोटी बातों पर घर छोड़ने और मरने की धमकी दे रहे बच्चे

एग्जाम टाइम में काउंसलिंग के लिए पहुंचे 150 से अधिक मामले, ज्यादातर में कारण मोबाइल या परीक्षा का डर

पल्लवी वाघेला, भोपाल। मां ने परीक्षा पास होने के कारण मोबाइल पर गेम खेलने से मना किया तो 9 साल के बच्चे ने सुसाइड करने की धमकी दी। मां नहीं मानी और मोबाइल अपने पास रख लिया। कुछ देर बाद बच्चे ने अपनी हथेली शेविंग ब्लेड से काट ली थी। बच्चे ने कहा कि अगली बार मोबाइल लिया तो सच में अपना गला काट लूंगा। बच्चे की काउंसलिंग चल रही है। यह अकेला मामला नहीं है। राजधानी के सैकड़ों पैरेंट्स, बच्चों द्वारा इस तरह ब्लैकमेल किए जाने से परेशान हैं। विभिन्न चाइल्ड हेल्पलाइन और काउंसलर्स को हर माह औसतन 80 मामले पहुंच रहे हैं।

केस-1

दसवीं की छात्रा दोस्तों से चैटिंग में अधिक समय बिता रही थी। मां ने कहा- एग्जाम तक मोबाइल नहीं मिलेगा तो वह ट्यूशन की जगह अपनी दोस्त के घर 12 घंटे बैठी रही। किशोरी ने कॉल कर कहा कि रोक-टोक की तो घर से हमेशा के लिए चली जाऊंगी।

केस-2

12 वर्षीय किशोर ने काउंसलिंग में कहा कि वह सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बनना चाहता है, लेकिन माता-पिता परीक्षा नजदीक होने पर जीना हराम कर देते हैं। इसलिए वह घर छोड़कर जा रहा था, लेकिन एक परिचित ने देख लिया।

प्रमुख कारण

  • मोबाइल और ऑनलाइन गेमिंग की लत 72%
  • परीक्षा का तनाव व इस समय की गई रोक-टोक 11%
  • किशोरवय अवस्था में उपजा तनाव 5%
  • अपनी मनचाही लाइफ स्टाइल की जिद 7%
  • पारिवारिक विवाद के चलते 2%
  • अपोजिट जेंडर अट्रैक्शन 3%

बच्चों के साथ संतुलन बनाए रखें। हर डिमांड पूरी करना सही नहीं है, लेकिन उन्हें बातचीत के जरिए यह बात समझाएं। इसी तरह एग्जाम में पियर प्रेशर न बनाएं। – दिव्या दुबे मिश्रा, मनोवैज्ञानिक

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