इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर में अवैध निर्माण पर कार्रवाई, करोड़ों के मॉल पर दूसरे दिन भी चला निगम का बुलडोजर

इंदौर। एबी रोड पर इंडस्ट्री हाउस के सामने 22 व 23 ओल्ड पलासिया की 30 हजार वर्ग फीट जमीन पर बने करीब 100 करोड़ के मॉल पर मंगलवार सुबह 5 बजे से निगम का बुलडोजर चला। बुधवार को भी इंडस्ट्री हॉउस पर मॉल के बचे हिस्से को तोड़ने की कार्रवाई लगातार दूसरे दिन भी जारी है। रिमूवल गैंग ने सुबह 8.30 बजे से कार्रवाई शुरू की। मॉल नीरज पंजवानी के नाम पर है।

निगम की रिमूवल टीम पोकलेन से भवन के ऊपरी हिस्सों को तोड़ने की कार्रवाई कर रही हैं। साथ ही मजदूरों के माध्यम से अभी ऊपर का हिस्सा तोड़ा जा रहा। बारिश के कारण परेशानी रही। पानी थमते ही अवैध हिस्सा तोड़ने की कार्रवाई ने गति पकड़ी।

नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर की कार्रवाई

इधर, निगम अधिकारियों का कहना है कि मार्च व मई में नोटिस दिए गए थे। सोमवार को भी नोटिस दिया। कोई जवाब नहीं मिला तो 5 पोकलेन, 4 जेसीबी से अवैध हिस्सा तोड़ दिया। फ्रंट एलिवेशन के साथ सेटबैक की जमीन का सीमेंटीकरण भी उखाड़ दिया।

मॉल का निर्माण पहले क्यों नहीं रोका

निगम की इस कार्रवाई पर सवाल यह है कि जब मॉल का निर्माण नियमों को ताक में रखकर किया जा रहा था, उस समय ही अफसरों ने उसके निर्माण को रोकने की ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की। इंदौर शहर में पिछले वर्षों मे निगम अफसरों की अनदेखी के कारण सैकड़ों निर्माण हुए है जिन्हें बाद में तोड़ने के लिए निगम को मशक्कत करना पड़ी है।

नियमों को ताक में रखकर कर रहे निर्माण

शहर में कई अवैध व वैध कॉलोनियों में रसूखदार लोग धड़ल्ले से नियमों को ताक में रखकर निर्माण करते हैं। कई लोग अवैध कॉलोनियों में निर्माण भी कर लेते हैं। प्रत्येक जोन के भवन अधिकारी व भवन निरीक्षक की यह जिम्मेदारी होती है कि वो इस तरह के अवैध निर्माणों की निरंतर जांच करें और संज्ञान में मामला आने पर वरिष्ठ अफसरों को बता उसे तोड़ने की कार्रवाई की जाए।

मिलीभगत से हो रहे अवैध निर्माण

कई निगम के अफसर बिल्डर व ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर अनाधिकृत रुप से निर्माण के मामलों को दबा देते है और अवैध निर्माण की सूचना वरिष्ठ अफसरों के संज्ञान में नहीं लाते हैं। इस तरह उन्हें निगम से कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र व अन्य प्रमाण आसानी से मिल जाते हैं और अवैध निर्माणों को नहीं तोड़ा जाता। साथ ही इसके लिए नक्शा पास करवाने के समय ही निगम मोटी फीस भी वसूलता है।

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