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असम में हाथियों को भगाने के लिए वन्य कर्मियों ने की फायरिंग, गोली लगने से मासूम की मौत; 2 फॉरेस्ट गार्ड गिरफ्तार

असम के कामरूप जिले में जंगली हाथियों के एक झुंड को भगाने के लिए वन विभाग की ओर से की गई फायरिंग में दो साल की बच्ची की मौत हो गई। वहीं बच्चे की मां घायल हो गई, जिसका गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। इस मामले में 2 फॉरेस्ट गार्ड्स को गिरफ्तार किया गया है।

हवाई फायरिंग के दौरान गलती से लगी गोली

जानकारी के अनुसार, धान के खेत में एक व्यक्ति को हाथियों के झुंड ने घायल कर दिया था। स्थानीय लोगों ने वन अधिकारियों और स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस के साथ वन विभाग के कर्मियों ने हाथियों के झुंड को जंगल की ओर भगाने के लिए हवाई फायरिंग की। उसी दौरान गलती से एक गोली बच्चे और उसकी मां को लग गई।

हाथियों के हमले से घायल किसान अस्पताल में भर्ती

स्थानीय लोग, पुलिस और वन्य कर्मी दोनों घायलों को बोको में एक अस्पताल में ले गए, जहां बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया और उसकी मां को गंभीर हालत में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) में भर्ती कराया गया है। वहीं हाथियों के हमले से घायल किसान को जीएमसीएच में भर्ती कराया गया।

स्थानीय लोगों ने की जांच की मांग

मृत बच्चे के पिता ने कहा कि मेरी पत्नी दो साल के बेटे को लेकर गांव के अन्य लोगों के साथ हाथियों के झुंड को देखने गई थी। वहां से लौटने के दौरान पत्नी और बेटे को गोली लग गई। उधर, घटना के बाद स्थानीय लोगों ने नेशनल हाइवे-17 को कई घंटों तक जाम कर दिया और जांच की मांग की।

उच्च स्तरीय दल करेगा समीक्षा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पर्यावरण और वन मंत्री परिमल शुक्लबैद्य ने कहा कि वन विभाग की एक उच्च-स्तरीय टीम को बच्चे की मौत के तथ्यों का पता लगाने के लिए उस क्षेत्र में भेजा गया है।

उन्होंने कहा, ”यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण और त्रासद है। बच्ची की मौत की किसी भी रूप में भरपाई नहीं की जा सकती लेकिन मैंने प्राधिकारियों को शोक संतप्त परिवार को तुरंत अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया है।”

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