पीएम नरेंद्र मोदी ने आज केंद्र के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की है। इसके बाद अब किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जा सकते हैं। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शुक्रवार को कहा कि कृषि कानूनों रद्द किए जाने को प्रदर्शनकारी किसानों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से गुरुपर्व पर दिए गए तोहफे के तौर पर देखा जाना चाहिए। वहीं चौटाला ने प्रदर्शनकारी किसानों से अपने घरों को लौटने की भी अपील की है।
If there's any non-lethal activity like causing a traffic jam then on such issues I would take up a discussion with Centre too and such cases would be withdrawn within the state too: Haryana Dy CM Dushyant Chautala when asked about cases filed in connection with farmers' protest pic.twitter.com/ZxcId9IKPF
— ANI (@ANI) November 19, 2021
दर्ज मामलों पर मैं केंद्र के साथ चर्चा करूंगा : चौटाला
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 350 दिनों से भी अधिक समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने आज यह फैसला लिया है। हम इसका स्वागत करते हैं। मैं चाहता हूं कि भविष्य की योजनाओं में भी किसानों के साथ अधिक परामर्श किया जाए और यह देखा जाए कि किसानों को बेहतर लाभ कैसे दिया जा सकता है। किसानों के संबंध में दर्ज मामलों के बारे में उन्होंने कहा कि यदि ट्रैफिक जाम करने जैसी कोई गैर-घातक गतिविधि है तो ऐसे मुद्दों पर मैं केंद्र के साथ भी चर्चा करूंगा और राज्य के भीतर भी ऐसे मामलों को वापस ले लिया जाएगा।
हम किसान हित के लिए हमेशा प्रयास करेंगे
चौटाला ने ट्वीट कर कहा, ‘गुरु पर्व के पवित्र अवसर पर कृषि कानूनों को वापस लेने के केंद्र सरकार के फैसले का हम स्वागत करते हैं। सामाजिक शांति और भाईचारे की बहाली के लिए यह कदम काफी सराहनीय है। मैं सभी किसान से धरना समाप्त करने का आग्रह करता हूं। हम किसान हित के लिए हमेशा प्रयास करते रहेंगे।’
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