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समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ीं! बॉम्बे हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, अब एनसीबी ने किए ये खुलासे

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान से 25 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के आरोपी एवं एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को कठोर कार्रवाई से दिए गए अंतरिम संरक्षण की अवधि सोमवार को 8 जून तक बढ़ा दी। वानखेड़े पर आरोप है कि उन्होंने शाहरूख के बेटे आर्यन खान को कोर्डेलिया क्रूज ड्रग केस से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में नहीं फंसाने के लिए अभिनेता से रिश्वत मांगी थी।

CBI ने राहत नहीं देने को कहा

सीबीआई ने दावा किया कि वानखेड़े इस मामले के कुछ पहलुओं के बारे में हमें जानकारी देने को तैयार नहीं हैं और यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने ही शाहरुख खान के साथ अपनी निजी बातचीत को मीडिया में लीक कर दिया। केंद्रीय एजेंसी ने यह भी मांग की कि वानखेड़े को अदालत द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ कोई राहत नहीं दी जाए क्योंकि वे सबूतो से छेड़छाड़ कर सकते हैं।

इस पर वानखेड़े के वकील ने कहा कि उन्हें सीबीआई को जवाब देने के लिए 2 हफ्ते का वक्त चाहिए। सीबीआई ने कथित तौर पर साजिश रचने और रिश्वत से जुड़े अपराधों के अलावा जबरन वसूली के आरोप से जुड़ी एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ हाल में प्राथमिकी दर्ज की थी।

वानखेड़े को एक हलफनामा देने का निर्देश

पीठ ने वानखेड़े के खिलाफ दायर सीबीआई की प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध वाली उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान यह राहत दी। पीठ ने वानखेड़े को एक हलफनामा देने का भी निर्देश दिया कि वह मामले के बारे में मीडिया से बात नहीं करेंगे, बुलाए जाने पर सीबीआई के सामने हर बार पेश होंगे और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे। बता दें कि भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी वानखेड़े 2021 में एनसीबी में पदस्थ थे।

क्या है मामला ?

सीबीआई ने साजिश रचने और रिश्वत से जुड़े अपराधों के अलावा जबरन वसूली के आरोप से जुड़ी एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ हाल में प्राथमिकी दर्ज की थी। आर्यन को 3 अक्टूबर 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में एंटी ड्रग एजेंसी के नाकाम रहने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि एनसीबी, मुंबई क्षेत्र को अक्टूबर 2021 में क्रूज जहाज पर कुछ लोगों के पास ड्रग्ल होने और उसका सेवन किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसके (एनसीबी के) कुछ अधिकारियों ने आरोपी को छोड़ने के एवज में रिश्वत की साजिश रची।

25 करोड़ की रिश्वत मांगने का आरोप

अधिकारियों ने बताया कि आरोप है कि आईआरएस अधिकारी वानखेड़े और अन्य ने आर्यन खान को मादक पदार्थ मामले में फंसाने के लिए 25 करोड़ रुपए की कथित तौर पर मांग की थी। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई को जानकारी मिली कि अधिकारी और उनके साथी ने 50 लाख रुपए अग्रिम के तौर पर कथित तौर पर लिए थे। वानखेड़े आर्यन खान की गिरफ्तारी के समय मुंबई में एनसीबी के प्रमुख थे। उन्हें पिछले साल मई में चेन्नई में करदाता सेवा महानिदेशालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।

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