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चीन के दावे को अमेरिका ने ठहराया गलत : बोला- अरुणाचल भारत का हिस्सा, ड्रैगन ने सेला टनल का विरोध कर बताया था अपना इलाका

वॉशिंगटन। चीन को अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने वाले बयानों के खिलाफ अमेरिका ने भारत का समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के डिप्टी स्पोक्सपर्सन ने कहा, अरुणाचल भारत का हिस्सा है। इसी के साथ वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पार चीन के किसी भी इलाके पर दावे का विरोध करते हैं। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अरुणाचल का दौरा किया था। जहां उन्होंने सेला टनल का इनॉगरेशन किया था। इसके बाद चीन ने विरोध करते हुए अरुणाचल को अपना हिस्सा बताया था।

Arunachal Pradesh is Indian Territory Says america

घुसपैठ गलत : अमेरिका

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के डिप्टी स्पोक्सपर्सन वेदांत पटेल ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भारत के अरुणाचल प्रदेश पर बात की। इस प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने कहा, अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है। यहां घुसपैठ करना गलत है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी की LAC के पार सैनिक, नागरिक घुसपैठ या अतिक्रमण से किसी भी क्षेत्र पर होने वाले दावों के प्रयास का सख्ती से विरोध करते हैं।

चीन ने अरुणाचल को बताया था जांगनान

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9-10 मार्च को अरुणाचल का दौरा किया था। जिसमें उन्होंने 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का इनॉगरेशन कर वहां के लोगों को इसकी सौगात दी थी। इसके बाद चीन ने एक बयान दिया और अरुणाचल प्रदेश को साउथ तिब्बत बताते हुए इसका नाम जांगनान बताया।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग बेन बिन ने अपने बयान में कहा था, यह चीनी क्षेत्र है। हमारी सरकार ने कभी भी गैर-कानूनी तरीके से बसाए गए अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी लेकिन, हम आज भी इसका विरोध करते हैं। यह चीन का हिस्सा है और भारत यहां कुछ भी नहीं कर सकता।

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रिश्तों पर सीमा विवाद का असर नहीं : चीन

वांग बेन बिन ने आगे कहा था, भारत-चीन सीमा विवाद दोनों देशों के बायलैटरल रिलेशन्स पर असर नहीं डालेगा। हमें एक-दूसरे पर भरोसा करने की जरूरत है। इससे हमारे बीच गलतफहमी दूर होगी और हमारे रिश्ते मजबूत होंगे।

अरुणाचल हमारा हिस्सा था, है और रहेगा : भारत

चीन के इस दावे पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, पीएम मोदी समय-समय पर राज्यों का दौरा करते रहते हैं। अरुणाचल प्रदेश भी हमारे भारत का हमेशा से हिस्सा था, है और रहेगा। हम चीन के सामने यह बात पहले भी कई बार रख चुके हैं।

चीन ने मैप में बदला था अरुणाचल के कई जगहों का नाम

चीन ने अप्रैल 2023 में अपने मैप में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा करके यह बताने की कोशिश की थी कि अरुणाचल चीन का हिस्सा है। इससे पहले भी साल 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।

भारत ने दिया था मुंहतोड़ जवाब

इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था- हम चीन के द्वार दिए गए इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आंतरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी।

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