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अमेरिका ने इराक-सीरिया में 85 ईरानी ठिकानों पर किया हमला, 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत का दिया जवाब; रक्षा मंत्री बोले- यह तो बस शुरुआत है

अमेरिका। अमेरिका ने जॉर्डन में अपने सैनिकों पर हुए हमलों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है। अमेरिका ने इराक और सीरिया में ईरानी बलों और ईरान समर्थित आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 85 ठिकानों पर शुक्रवार को हमला किया। पिछले हफ्ते जॉर्डन-सीरिया बॉर्डर पर किए गए ड्रोन हमले में 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही अमेरिका जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दे रही थी। हालांकि हमले कब और कहां होंगे, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। देखें VIDEO…

अमेरिका ने 85 ठिकानों को बनाया निशाना

अमेरिकी सेना ने हमले के बाद बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि उनके लड़ाकू विमानों ने शनिवार सुबह इराक और सीरिया में ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) और उनके समर्थित मिलिशिया से जुड़े 85 ठिकानों पर जवाबी हवाई हमले किए हैं। हमले 7 जगहों पर किए गए। हमलों में कमांड और कंट्रोल सेंटर, रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन स्टोरेज साइट के साथ-साथ इंटेलिजेंस ठिकानों को भी निशाना बनाया गया है।

जवाब देना जारी रखेंगे : बाइडेन

एयर स्ट्राइक के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा – अमेरिकी सैन्य बलों ने इराक और सीरिया में उन ठिकानों को निशाना बनाया जिनका उपयोग IRGC और उनके समर्थित मिलिशिया अमेरिकी बलों पर हमला करने के लिए करते हैं। हमने उन्हें जवाब देना शुरू कर दिया है और ये आगे भी जारी रहेगा।

यह तो बस शुरुआत है – अमेरिका रक्षा मंत्री

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आगे कहा कि- अमेरिका, दुनिया में कहीं भी संघर्ष नहीं चाहता। लेकिन वे सभी जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, उन्हें यह जान लेना चाहिए कि यदि वे किसी अमेरिकी को नुकसान पहुंचाते हैं, तो हम जवाब देंगे। वहीं, अमेरिका रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा- यह तो बस शुरुआत है।

2 फरवरी को हमले की प्लानिंग पर लगी मुहर

28 जनवरी को जॉर्डन-सीरिया बॉर्डर पर बने अमेरिकी बेस पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला हुआ था। अमेरिकी सैन्य बेस – टावर 22 पर कई रॉकेट और मिसाइलें दागी थीं। इसमें 3 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और कई घायल हुए थे। इजराइल-हमास जंग के बीच ऐसा पहली बार था जब 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी।

अमेरिका ने इस हमले के पीछे ईरान को सपोर्ट करने वाले गुट को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद 2 फरवरी को बाइडेन ने सीरिया और ईराक में बने ईरानी ठिकानों पर हमले के प्लान पर मुहर लगाई जिसके बाद 3 फरवरी की सुबह अमेरिकी सेना ने इराक और सीरिया में हमला कर दिया।

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