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कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की CBI रिमांड दो दिन बढ़ाई, जमानत अर्जी पर 10 मार्च तक फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति केस में गिरफ्तार पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीबीआई रिमांड को दो दिन के लिए बढ़ा दी गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार (4 मार्च) को यह फैसला सुनाया। CBI ने कोर्ट से तीन दिन के लिए उनकी कस्टडी मांगी थी। वहीं सिसोदिया की तरफ से दाखिल जमानत याचिका पर कोर्ट 10 मार्च को फैसला सुनाएगा। मनीष सिसोदिया को सीबीआइ ने 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।

सिसोदिया को आज 5 दिन की CBI हिरासत खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। 27 फरवरी को कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की कस्टडी में भेजा था, जो आज (4 मार्च) को पूरी हुई।

सिसोदिया के वकील ने रखी ये दलील

मनीष सिसोदिया ने कहा कि, सीबीआई ने मेरे घर पर रेड की, दफ्तर में रेड की, मेरे पैतृक घर पर रेड की। इसके बावजूद कुछ नहीं मिला। ऐसे में बचाव पक्ष की तरफ से दलील रखी जा रही है।

कहा जा रहा है कि, सहयोग नहीं करना बेल न देने का कोई आधार नहीं है और न ही रिमांड इस आधार पर दी जा सकती है। कुछ दस्तावेज जो जांच के लिए जरूरी हैं, वो मिसिंग है।

सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इनकार कर दिया। सीजेआई (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा- हम मामले को नहीं सुन सकते। कोर्ट ने सिसोदिया को पहले हाई कोर्ट जाने की सलाह दी। रविवार 26 फरवरी को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आप नेता मनीष सिसोदिया फिलहाल सीबीआई (CBI) की रिमांड पर हैं।

CJI ने कहा कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत और गिरफ्तारी से राहत मांग रहे हैं। बताते चलें कि सिसोदिया ने पत्रकार अर्णब गोस्वामी और विनोद दुआ मामले का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी, लेकिन सीजेआई ने कहा कि ये दोनों केस अलग थे। आपको निचली अदालत से जमानत लेनी चाहिए, एफआईआर रद्द करवाने के लिए हाई कोर्ट जाना चाहिए। शुक्रवार को सिसोदिया ने निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी।

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सिसोदिया 18 मंत्रालयों का चार्ज संभाल रहे थे

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी में केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया ही सबसे बड़े नेता हैं। सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार के कुल 33 में शिक्षा, वित्त, योजना, भूमि और भवन, सेवाएं, पर्यटन, कला-संस्कृति और भाषा, जागरूकता, श्रम और रोजगार, लोक निर्माण विभाग के अलावा स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण व जल विभाग जैसे कुल 18 विभाग थे।

केजरीवाल के एक और मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से जेल में हैं। जैन के पास स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण और जल संसाधन जैसे मंत्रालय थे, जिन्हें सिसोदिया को सौंप दिया गया था।

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4 मार्च तक CBI रिमांड पर थे सिसोदिया

मनीष सिसोदिया को दिल्ली सरकार की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सिसोदिया को 5 दिन यानि 4 मार्च तक की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। करीब 30 मिनट की सुनवाई के बाद CBI की रिमांड की मांग पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। दिल्ली शराब नीति केस में जांच एजेंसी ने सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया था।

शराब लाइसेंस के लिए ली रिश्वत

CBI की चार्जशीट में गिरफ्तार व्यवसायी विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली समेत 7 आरोपियों के नाम हैं। आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने की दिल्ली सरकार की पॉलिसी से कुछ डीलरों को फायदा मिला। यह फायदा उन्हें ही मिला जिन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी। उधर, शराब लाइसेंस के लिए रिश्वत देने वाले आरोपों का आम आदमी पार्टी (AAP) ने खंडन किया है। उसका कहना है कि शराब लाइसेंस के लिए किसी से पैसा नहीं लिया गया।

 

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