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नीट के नतीजों को लेकर देशभर में फूटा गुस्सा, वाराणसी में प्रदर्शन

चोरी हो गई मेरी सीट

वाराणसी।  नीट यूजी परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर वाराणसी में हजारों छात्र- छात्राओं ने बीएचयू में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि नीट यूजी परीक्षा को निरस्त किया जाए। मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की परीक्षा नीट का रिजल्ट आने के बाद पूरे देश में नीट की परीक्षा प्रणाली और उसके रिजल्ट पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इसकी आवाज आज वाराणसी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में भी पहुंच गई, जहां हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मेन गेट पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया।

छात्र कृतिक राज ने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है जब एक साथ 67 छात्रों को रैंक 1 मिली है। वहीं एक ही सेंटर से 8 छात्रों को 720 में से 720 नंबर हासिल हुए। नीट यूजी में 695 अंक पाने वाले कृतिक राज ने कहा कि नीट रिजल्ट में कई गड़बड़ियां हैं। दो छात्रों को 718 और 719 अंक मिले हैं, एनटीए का दावा है कि उन्होंने टाइम लॉस के आधार पर ग्रेस मार्क्स दिए हैं, इस पर राज का सवाल है कि क्या उन एग्जाम सेंटर्स पर एनटीए के ऑफिशियल्स की घड़ी नहीं थी।

दिल्ली से चेन्नई तक विरोध, साथ आए छात्र संगठन

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़े कुछ छात्रों ने नीट परीक्षा परिणाम में धांधली के खिलाफ चेन्नई में विरोध प्रदर्शन किया। उधर, दिल्ली में एसएफआई ने 10 जून को सुबह 10 बजे बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। शास्त्री भवन के बाहर होने वाला यह विरोध प्रदर्शन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया और एआईएसए का जॉइंट प्रदर्शन होगा। राजस्थान में एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया और टायर जलाकर सड़क जाम कर दी। महाराष्ट्र सरकार ने परीक्षा रद्द करने की मांग की है।

गड़बड़ियों की हो सीबीआई जांच : एबीवीपी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) ने राष्ट्रीय पात्रता सह-प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी 2024) के आयोजन के दौरान हुई गड़बड़ियों तथा परीक्षा परिणाम घोषित को लेकर उठ रहे सवालों के समाधान के लिए इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। परिषद् ने शनिवार को कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में गड़बड़ियां सामने आईं थी और अलग-अलग स्थानों पर सॉल्वर पकड़े गए थे। साथ ही कुछ स्थानों पर प्रश्न पत्र बांटने के मामले भी सामने आए थे। परिषद ने कहा कि वह नीट में शामिल छात्रों की उचित मांगों के साथ है। इस परीक्षा की पारदर्शिता संदेह के घेरे में है, इसकी जांच होनी चाहिए।

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