
बुधवार को संसद में अमेरिका से अवैध प्रवासियों के डेपोर्टेशन मुद्दे पर हंगामा हो गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर जवाब दिया। उन्होंने राज्यसभा में कहा, ‘अगर कोई नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहा है, तो उसे वापस (स्वदेश) बुलाना सभी देशों का दायित्व है।’ इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों के डिपोर्टेशन की यह पहली बार नहीं हो रही है। यह पहले भी हो चुका है और इसका सिलसिला 2009 से चल रहा है।
अमेरिका से डिपोर्टेशन पर विदेश मंत्री का बयान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि पिछले 16 वर्षों में अमेरिका से कुल 15,652 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे ज्यादा डिपोर्टेशन 2019 में हुआ था, जब 2042 भारतीयों को भारत भेजा गया था। विदेश मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि भारत कभी भी अवैध प्रवासन के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे किसी भी देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
हाथों में हथकड़ी पहनकर किया प्रदर्शन
5 जनवरी को अमेरिका ने 104 अवैध भारतीयों को डिपोर्ट किया। यह भारतीय नागरिक अमेरिकी मिलिट्री के C-17 विमान से अमृतसर के एयरपोर्ट पर पहुंचे। इस दौरान, उन्हें हाथों और पैरों में हथकड़ी और बेड़ियाँ पहने हुए दिखाया गया। इस घटना का वीडियो अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल के प्रमुख माइकल बैंक ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने संसद में हंगामा शुरू कर दिया और संसद परिसर में हथकड़ी पहनकर प्रदर्शन किया। साथ ही अपने विपक्षी दल के नेताओं से कई सवाल किए।
विपक्ष के सवाल और विदेश मंत्री का जवाब
विपक्ष ने इस डिपोर्टेशन को लेकर कई सवाल उठाए, जिनका विदेश मंत्री ने जवाब दिया:
- विपक्ष: क्या सरकार को यह जानकारी थी कि भारतीयों को वापस भेजा जा रहा है?
जवाब: ‘हम जानते थे कि 104 लोग वापस आए हैं। हमने उनके भारतीय होने की पुष्टि की है।’ - विपक्ष: भारतीय नागरिकों को हथकड़ी क्यों लगाई गई?
जवाब: ‘अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाना अमेरिकी सरकार की नीति है।’ - विपक्ष: मोदी और ट्रंप की दोस्ती के बावजूद डिपोर्टेशन क्यों नहीं रुक सका?
जवाब: ‘अमेरिका से भारतीयों की बेदखली पहली बार नहीं हो रही है, यह 2009 से जारी है।’ - विपक्ष: भारतीय नागरिकों के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव क्यों किया गया?
जवाब: ‘हम अमेरिकी सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार न हो।’ - विपक्ष: क्या सरकार को यह जानकारी है कि अमेरिका 7 लाख 25 हजार भारतीयों को डिपोर्ट करेगा?
जवाब: ‘अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर व्यक्ति के साथ बैठें और जानें कि वे अमेरिका कैसे गए थे और किस एजेंट के द्वारा गए थे। हम सतर्क रहेंगे ताकि ऐसा दोबारा न हो।’
शशि थरूर और कांग्रेस का बयान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इस मुद्दे पर कहा कि ‘यह पहली बार नहीं है जब हमारे नागरिकों को डिपोर्ट किया गया है। यह इसलिए चर्चा का विषय बना क्योंकि ट्रंप ने इसे थोड़े समय में जल्दी कर दिया।’ उन्होंने कहा कि ‘यह सुनना थोड़ा अजीब है कि उन्हें सैन्य विमान में भेजा गया और हथकड़ी लगाई गई। ऐसा नहीं होना चाहिए था, उन्हें कमर्शियल फ्लाइट से भेजा जाता।’
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘हमारे नागरिकों के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया गया।’ उन्होंने सरकार से इस मामले में सख्त रुख अपनाने की मांग की।
माइकल बैंक्स ने शेयर किया डेपोर्टेशन का वीडियो
दरअसल, ट्रंप ने अमेरिका में रहने वाले अवैध प्रवासियों को भारत वापस भेजने का फैसला लिया था। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल प्रमुख माइकल बैंक्स ने इस डिपोर्टेशन का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें भारतीय नागरिकों को सैन्य विमान से भेजते हुए उनके हाथों और पैरों में हथकड़ी बंधी हुई दिखाई देती है। माइकल बैंक्स ने इस वीडियो के साथ लिखा, ‘अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल और हमारे सहयोगियों ने अवैध प्रवासियों को सफलतापूर्वक भारत भेजा। यह अब तक की सबसे लंबी डिपोर्टेशन फ्लाइट थी, जो एक सैन्य विमान से की गई। हमारी नीति है कि अगर आप अवैध रूप से सीमा पार करते हैं, तो आपको वापस भेजा जाएगा।’
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