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समितियों के हाथ में होगी हर घर जल की जिम्मेदारी

मध्यप्रदेश में 60 फीसदी घरों में पहुंचा नल से जल

अशोक गौतम, भोपाल। प्रदेश में 60 फीसदी घरों (68 लाख घरों तक) तक नल पहुंच गए हैं। बुरहानपुर और निवाड़ी, दो ऐसे जिले हैं जहां सौ फीसदी घरों तक पानी पहुंचने के संबंध में हर घर जल (एचजीजे) ने प्रमाणित भी कर दिया है। जिन घरों तक नल पहुंचे हैं, वहां पानी की सप्लाई का काम फिलहाल उन कंपनियों के हाथ में है जिन्होंने कनेक्शन किया है। लेकिन अब इसकी जिम्मेदारी पंचायतों को लेना होगा। सरकार ने कलेक्टरों को सभी पंचायतों में समितियां बनाने के लिए कहा है।

पंचायतों में बनी समितियों को गांव में रोजाना नियमित सभी घरों तक तक पानी पहुंचाने के साथ ही नदी, तालाब सहित अन्य सतही जल स्रोतों को मजबूत करने का काम करना होगा। इसके साथ ही इनकी जिम्मेदारी होगी कि ग्रामीणों से जलकर की 80 फीसदी राशि वसूले। इन्हें जल संरक्षण, जल स्रोतों के जीर्णोद्धार करने और बारिश का पानी रोकने के लिए काम करना होगा। समितियों को पंचायतों के लिए स्वच्छता और सफाई जुड़े एजेंडे भी तैयार करना होगा।

ग्रामीण स्वच्छता पर भी काम करेंगी समितियां

समितियां गांव की सफाई और स्वच्छता पर काम करेंगी। कचरा कलेक्शन, गांव में साफ-सफाई और इस पर खर्च होने वाली राशि की वसूली भी गांव वालों से करना है। इनका यह भी काम होगा कि ये सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग रखकर उसके उपयोग के लिए एजेंसी तय करेंगे। कचरे के डंपिंग स्टेशन बनाने के लिए समितियां ग्राम सभा के समक्ष मांग रखेंगी। इस प्रस्ताव को ग्राम सभा की बैठक में पास कराकर गांव में ही जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।

फैक्ट फाइल

  • सात जिलों में 75 फीसदी घरों में हैं कनेक्शन।
  • इंदौर, खंडवा, दतिया, नरसिंहपुर, राजगढ़, हरदा, बैतूल इनमें शामिल
  • चार जिलों के 60 फीसदी घरों तक नहीं पहुंचा नल से जल
  • ये जिले हैं- छतरपुर, सिंगरौली, सतना और आलीराजपुर

सरचार्ज भी वसूल किया जाएगा

हर घर जल के लिए पंचायतों में समितियां बनाई जाएंगी। समितियों के जरिए इनका रख-रखाव और सरचार्ज राशि की वसूली भी की जाएगी। -मलय श्रीवास्तव, एसीएस, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग

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