
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार (9 जुलाई) को इंटरनेशनल ऑर्गन ट्रांस्प्लांट रैकेट का खुलासा किया है। इस मामले में राजधानी के अपोलो हॉस्पिटल की एक सीनियर महिला डॉक्टर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच के DCP अमित गोयल ने बताया कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड एक बांग्लादेशी है। आरोपियों से पूछताछ चल रही है, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
25-30 लाख रुपए में होती थी डील
DCP अमित गोयल ने बताया कि, हमने एक डोनर और रिसीवर को भी गिरफ्तार किया है। रैकेट में शामिल रसेल नाम का एक व्यक्ति मरीजों और डोनर्स की व्यवस्था करता था। वे प्रत्येक ट्रांसप्लांट के लिए 25-30 लाख रुपए लेते थे। यह रैकेट 2019 से चल रहा था। बांग्लादेश से लेकर राजस्थान तक चल रहे इस अवैध किडनी रैकेट को चलाने के आरोप में 50 साल की एक महिला डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया है।
15-16 किडनी निकाल चुकी थी महिला डॉक्टर
बांग्लादेश के इस रैकेट के मामले में पहले राजस्थान पुलिस ने अहम खुलासा किया था। इसके बाद इस मामले की जांच में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच भी जुट गई थी। जांच में पुलिस को पता लगा कि दिल्ली के एक बड़े अस्पताल की महिला डॉक्टर नोएडा के एक अस्पताल में 15 से 16 ट्रांसप्लांट को अंजाम दे चुकी है।
आरोप है कि, इस अवैध धंधे का पैसा महिला डॉक्टर के प्राइवेट असिस्टेंट के अकाउंट में आता था और महिला डॉक्टर उसे कैश में निकलवा लिया करती थी। यह पूरा रैकेट बांग्लादेश से संचालित हो रहा था।
बांग्लादेश में रैकेट के लोग डायलिसिस सेंटर जाते थे और वहां पर देखते थे कि किस मरीज को किडनी की जरूरत है। इसके साथ ही उसकी पैसे देने की कितनी क्षमता है, अगर कोई मरीज 25 से 30 लाख रुपए देने को तैयार हो जाता है तो फिर एक इंडियन मेडिकल एजेंसी के जरिए वह उसे इलाज के लिए भारत भेज देते थे।
बांग्लादेश से लाए जाते थे लोग
इस रैकेट के लोग किसी गरीब बांग्लादेशी को पकड़ते थे और उसे पैसों को लालच देकर किडनी देने के लिए तैयार करते थे। उसे झांसा देकर भारत लाते थे और जिस मरीज को किडनी की जरूरत होती थी उसे उसका रिश्तेदार बताते थे। जिसके बाद नकली दस्तावेज बनवा कर महिला डॉक्टर के जरिए उसकी किडनी निकलवा लेते थे।
पुलिस के मुताबिक, कुछ डोनर्स ने बताया कि उन्हें नौकरी के नाम पर हिन्दुस्तान लाया गया और फिर यहां उनकी किडनी निकाल ली गई।
अपोलो अस्पताल ने जारी किया बयान
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने महिला डॉक्टर को 4 दिन पहले दिल्ली से ही गिरफ्तार किया है। अपोलो अस्पताल ने मामला सामने आने के बाद महिला डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही बयान जारी कर कहा कि, महिला डॉक्टर को अस्पताल में पेरोल पर नहीं बल्कि उनकी सेवा के बदले फीस के आधार पर नियुक्त किया गया था। महिला डॉक्टर द्वारा यह काम किसी अन्य अस्पताल में किया गया था। शुरुआती जांच में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल (आईएएच) में ऐसा कोई भी कृत्य नहीं हुआ है।
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