भोपाल

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम का पहला अंधा कत्ल 13 महीने बाद भी अनसुलझा

गला रेतकर हुई थी युवक की हत्या, रातीबड़ में पुलिया के पास मिला था शव

उदय मौर्या भोपाल। भोपाल में लागू हुए पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम का पहला अंधा कत्ल 13 महीने बाद भी अनसलुझा है। रातीबड़ में हुए इस अंधे कत्ल के खुलासे के लिए बनाई गई पुलिस की आधा दर्जन टीमों ने महीनों तक दिन-रात एक कर दिया। यहां तक कि बैनर- पोस्टर-पंपलेट्स बंटवाने के साथ मोबाइल वाहन से एनाउंसमेंट कराया और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया, लेकिन अब तक ना तो मरने वाले व्यक्ति की पहचान हो पाई और ना ही मारने वालों के बारे में कुछ पता चल पाया है। नए थाना प्रभारी ने एक बार फिर से इस अंधे कत्ल को सुलझाने की कवायद शुरू कर दी है। दरअसल, जिले में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के ठीक एक महीने बाद 8 जनवरी 2022 की सुबह करीब 11 बजे सूचना मिली कि साक्षी ढाबा और विस्परिंग पॉम कॉलोनी के बीच स्थित पुलिया से कुछ दूर नाले के किनारे मिट्टी के ढेर पर एक व्यक्ति की लाश पड़ी है। तत्कालीन थाना प्रभारी सुधेश कुमार तिवारी फौरन स्टाफ को लेकर मौके पर पहुंचे और शव बरामद कर पीएम के लिए भिजवाया। युवक की किसी धारदार हथियार से गला काटकर हत्या की गई थी। तलाशी लेने पर उसके पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान की जा सके।

एक बार फिर शुरू हुई गुत्थी सुलझाने की कवायद

इस घटना के 13 महीने बाद हाल ही में रातीबड़ थाने की कमान संभालने वाले थाना प्रभारी जयहिंद शर्मा ने एक बार फिर से इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने की कवायद शुरू कर दी है। टीआई शर्मा ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। डायरी का अवलोकन करने के बाद मरने वाले व्यक्ति की शिनाख्ती के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। मृतक की पहचान सुनिश्चित हो जाए तो आरोपियों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। उसके बाद ही हत्या के कारणों का खुलासा हो पाएगा।

हरसंभव प्रयास के बाद भी नहीं सुलझी गुत्थी

इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस की आधा दर्जन टीमें लगाई गई थीं, जिन्होंने हरसंभव प्रयास किए। मृतक के फोटो और हुलिए से जुड़े पोस्टर, बैनर, पंपलेट्स बंटवाने के साथ ही उन्हें लोक परिवहन के वाहनों में चिपकाया गया। पुलिस के मोबाइल वाहन में माइक लगाकर शहरभर में एनाउंसमेंट करवाया गया। प्रदेश के विभिन्न जिलों से गुम हुए उक्त हुलिए के करीब 2000 लोगों की जानकारी जुटाई गई। पुलिस कर्मचारियों से उनके फेसबुक एकाउंट समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मरने वाले व्यक्ति के फोटो डलवाए गए, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।

40 से 45 साल का था मृतक

मरने वाले व्यक्ति की उम्र 40 से 45 वर्ष के बीच होना बताई गई थी। वह लाल- काले रंग की चौकड़ी ऊलन वाली शर्ट, उसके नीचे नीले रंग की स्वेटर और डबल कलर का लोवर पहने था। पास ही स्पार्क कंपनी की उसकी सैंडल थी। मृतक के दाहिने हाथ और कमर में कलावा बंधा हुआ था। दाहिने हाथ पर अंगे्रजी के कैपिटल अक्षर में बड़ा सा (ए) गुदा हुआ था। शव के पास 50 रुपए का एक नोट, गुटखे का पाउच और काले रंग का एक मॉस्क पड़ा था। मृतक के लोवर की जेब बाहर की तरफ पलटी हुई थी, जिससे पुलिस ने अनुमान लगाया कि हत्यारों ने जेब में रखा सामान और पहचान संबंधी दस्तावेज निकाल लिए होंगे।

शराब पिलाकर हत्या करने की आशंका

घटना स्थल पर शराब का खाली क्वार्टर, पानी के पाउच और नमकीन के पैकेट भी पड़े मिले थे। पहला अनुमान था कि मृतक यहां किसी के साथ शराब पी रहा होगा और विवाद होने पर उसकी हत्या की गई। दूसरा अनुमान था कि योजना बनाकर उसे शराब पिलाने के बहाने यहां लाया गया हो और नशे की हालत में पहुंचने के बाद उसका गला रेता गया हो। घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर स्थित शराब की दुकान है। कई लोग दुकान से शराब लेने के बाद उस स्थान पर जाकर पीते हैं।

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