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अमेरिका में हर 7वें मरीज की देखभाल कर रहा भारतीय डॉक्टर

भारतवंशी डॉक्टरों की ग्रीन कार्ड प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग

वॉशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव सिर्फ एक महीने दूर है, जिसमें 5 नवंबर को रिपब्लिकन उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच मतदान होना है। इससे पहले भारतीय मूल के चिकित्सकों के एक प्रमुख संगठन अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (एएपीआई) ने अगले प्रशासन से आव्रजन और स्वास्थ्य सेवा सुधारों को प्राथमिकता देने के साथ ही भारत से चिकित्सा पेशेवरों के लिए ग्रीन कार्ड की प्रक्रिया में तेजी लाने का आह्वान किया है।

एएपीआई के अध्यक्ष डॉ. सतीश कथुला ने बताया कि सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच, आव्रजन और वीजा मुद्दे, चिकित्सा में प्रौद्योगिकी, विविधता और भेदभाव विरोधी कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें अगले व्हाइट हाउस प्रशासन द्वारा प्राथमिकता दी जानी चाहिए। डॉ. कथुला ने कहा, अमेरिका में हर सातवें मरीज की देखभाल भारतीय मूल के डॉक्टर्स द्वारा की जा रही है, इसलिए जरूरी है कि नई सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देना होगा। 1982 में स्थापित एएपीआई संगठन अमेरिका में भारतीय मूल के 1.20 लाख से अधिक डॉक्टरों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है।

भारतीय डॉक्टर्स वापस गए तो ध्वस्त होंगी स्वास्थ्य सेवाएं

एच-1बी वर्क वीजा पर हजारों भारतीय चिकित्सक अमेरिका में काम कर रहे हैं और वे उन जगहों पर काम कर रहे हैं, जहां स्थानीय डॉक्टर्स नहीं जाना चाहते। डॉ. कथुला ने कहा कि अगर ये भारतीय चिकित्सक वापस चले जाते हैं तो इससे कुछ शहरों में पूरी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी, इसलिए ग्रीन कार्ड प्रक्रिया को प्राथमिकता देनी होगी। जो भी सत्ता संभालता है तो यह उनकी प्राथमिकता में होना चाहिए।

अमेरिका में 6 साल में 1.25 लाख डॉक्टर्स की जरूरत

कथुला ने कहा कि अमेरिका में कुछ समुदाय ऐसे हैं, जो पूरी तरह से एच-1बी वीजा चिकित्सकों पर निर्भर हैं। उन्होंने चिकित्सकों की कमी को दूर करने की आवश्यकता की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि अनुमान है कि 2030 तक हमें इस देश में लगभग 1,25,000 चिकित्सकों की आवश्यकता होगी।

क्या है एच-1बी वीजा

एच-1बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। आईटी कंपनियां इसी वीजा से नियुक्तियां करती हैं।

क्या है ग्रीन कार्ड

अमेरिकी सरकार द्वारा जारी किया गया ग्रीन कार्ड ऐसा दस्तावेज है, जो धारक को स्थायी निवासी का दर्जा देता है। ग्रीन कार्ड धारक को अमेरिका में रहने और काम करने की असीमित अनुमति देता है, जिससे उसे अमेरिकी नागरिक के समान लगभग सभी अधिकार प्राप्त हो जाते हैं।

सालों से एच-1बी वर्क वीजा पर काम कर रहे डॉक्टर्स

ऐसे कई चिकित्सक हैं, जो 15- 20 वर्षों से अधिक समय तक अमेरिका में रहने के बाद भी एच-1बी वर्क वीजा पर काम कर रहे हैं। हमें उनकी ग्रीन कार्ड की प्रक्रिया में तेजी लानी होगी, ताकि वे अमेरिका में रह सकें और अपने वीजा की स्थिति के बारे में चिंता किए बिना अपना काम जारी रख सकें। – डॉ. सतीश कथुला, अध्यक्ष, एएपीआई

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