
मुंबई। अडाणी ग्रुप ने अमेरिकी फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को साजिश बताया है। अडाणी ग्रुप ने रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को लेकर 413 पन्नों में अपना जवाब दिया है। उन्होंने सभी आरोपों को झूठा बताया है। बता दें कि, हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। वहीं अब हिंडनबर्ग ने अडाणी के जवाब के बाद एक बार फिर पलटवार किया है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट भारत के खिलाफ साजिश
अडाणी ग्रुप ने अपने जवाब में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत के खिलाफ साजिश बताया है। उनका कहना है कि, यह रिपोर्ट हमारे शेयरधारकों और सार्वजनिक निवेशकों की कीमत पर मुनाफाखोरी करने के स्पष्ट इरादे से बनाई गई है। इस रिपोर्ट का असल मकसद अमेरिकी कंपनियों के आर्थिक फायदे के लिए नया बाजार तैयार करना है। जो स्पष्ट रूप से भारतीय कानून के तहत प्रतिभूति धोखाधड़ी का गठन करता है। हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटीज एंड फॉरेन एक्सचेंज लॉ का भी उल्लंघन किया है।
अडाणीग्रुप ने कहा कि, यह केवल किसी एक कंपनी पर अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता और भारत की विकास की कहानी और महत्वाकांक्षा पर एक सुनियोजित हमला है।
अडाणी ग्रुप के जवाब पर हिंडनबर्ग का पलटवार
अडाणी ग्रुप के जवाब पर अब हिंडनबर्ग ने भी पलटवार किया है। हिंडनबर्ग ने कहा, राष्ट्रवाद की आड़ में धोखे से नहीं बचा जा सकता है। ग्रुप ने जितने भी सवालों के जवाब दिए वे बड़े पैमाने पर निष्कर्षों की पुष्टि नहीं करते। सवालों से बचने की कोशिश की गई है। हिंडनबर्ग ने कहा कि, ग्रुप हमारी रिपोर्ट को भारत के खिलाफ साजिश बता रहा है। लेकिन अडाणी ग्रुप अपनी बढ़ती आय को भारत के विकास के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
बिना पूरी जानकारी के रिपोर्ट जारी की
कंपनी के कानूनी मामलों के प्रमुख जतिन जलुंधवाला ने कहा- हिंडनबर्ग रिसर्च ने गलत इरादे से बिना किसी शोध और पूरी जानकारी के ग्रुप के खिलाफ 24 जनवरी, 2023 को रिपोर्ट प्रकाशित की। इससे अडाणी समूह के शेयरधारकों और निवेशकों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। भारतीय शेयर बाजार में रिपोर्ट के जरिये जो उतार-चढ़ाव आया, वह काफी चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट और उसकी निराधार बातें अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार की गई हैं।
ग्रुप पर यह आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर आरोप लगाए हैं कि गौतम अडाणी के छोटे भाई राजेश अडाणी को ग्रुप का एमडी क्यों बनाया गया है? उनके ऊपर कस्टम टैक्स चोरी, फर्जी इंपोर्ट डॉक्यूमेंटेशन और अवैध कोयले का इंपोर्ट करने का आरोप है। हिंडनबर्ग ने पूछा है कि गौतम अडानी के बहनोई समीरो वोरा का नाम डायमंड ट्रेडिंग स्कैम में आने के बाद भी अडानी ऑस्ट्रेलिया डिवीजन का एक्जक्यूटिव डॉयेरक्टर क्यों बनाया गया है? रिपोर्ट के मुताबिक अडाणी ग्रुप ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- अडाणी ने शेयर चढ़ाने के लिए अपना ही पैसा विदेशी रूट से निवेश किया।
- पैसा गलत तरीके से बाहर भेजा, कारोबार बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया।
- परिवार के कई सदस्य जांच के घेरे में रहे, विवादों से जुड़ाव।
- 8 साल में 4 CFO ने इस्तीफा दिया, वजह खातों में गड़बड़ी।
शेयरों में आई गिरावट
24 जनवरी को रिपोर्ट जारी होने के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में शुक्रवार को 20 फीसदी तक की गिरावट आई। इसकी वजह से लिस्टेड कंपनियों का जॉइंट मार्केट कैप 4.17 लाख करोड़ रुपए कम हो गया।
अडाणी ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप शेयरों में कितनी कमी
कंपनी | एम कैप में गिरावट | शेयर में गिरावट (%) |
अडाणी टोटल गैस | 1,04,580.93 करोड़ रुपए | 20% |
अडाणी ट्रांसमिशन | 83,265.95 करोड़ रुपए | 19.9% |
अडाणी एंटरप्राइजेज | 77,588.47 करोड़ रुपए | 18.52% |
अडाणी ग्रीन एनर्जी | 67,962.91 करोड़ रुपए | 19.99% |
अडाणी पोर्ट्स | 35,048.25 करोड़ रुपए | 16.03% |
अंबुजा सीमेंट्स | 23,311.47 करोड़ रुपए | 17.16% |
अडाणी पॉवर | 10,317.31 करोड़ रुपए | 5% |
एसीसी | 8,490.8 करोड़ रुपए | 13.04% |
अडाणी विल्मर | 7,258.7 करोड़ रुपए | 5% |
रिपोर्ट के बाद अमीरों की लिस्ट में चौथे नंबर से 7वें पर आ गए थे अडाणी
अरबपति | संपत्ति |
बर्नार्ड अरनॉल्ट | 215.2 बिलियन डॉलर |
एलन मस्क | 170.1 बिलियन डॉलर |
जेफ बेजोस | 122.4 बिलियन डॉलर |
लैरी एलिसन | 112.8 बिलियन डॉलर |
वॉरेन बफे | 107.8 बिलियन डॉलर |
बिल गेट्स | 104.1 बिलियन डॉलर |
गौतम अडाणी | 99.6 बिलियन डॉलर |
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