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रंगकर्मी सोलो एक्ट, हिस्टोरिकल और कॉमेडी विधा के नाटकों पर कर रहे काम

वर्ल्ड थिएटर डे : वर्कशॉप में रंग निर्देशक तैयार कर रहे नई शैलियों में नाटक

भोपाल में महीनों में कुछ ही दिन खाली जाते होंगे जिस दिन किसी नाटक का मंचन नहीं होता होगा। शहर में थिएटर को लेकर रंगकर्मियों और दर्शकों के बीच अच्छी खासी कनेक्टिविटी है। दर्शक अपने नाट्य निर्देशकों से बखूबी परिचित हैं और जब उनके पसंदीदा डायरेक्टर का  नाट्य मंचन होता है, तो वहां उनकी मौजूदगी जरूर होती है। शहर में नाट्य प्रयोग भी देखने के मिल रहे हैं। सोलो एक्ट के चैलेंजिंग किरदार को निभाने से लेकर पीरियड ड्रामा में भी रंगकर्मियों की मजबूती है। बाल कलाकारों को मंच पर मौका देने में भी युवा रंगकर्मी पीछे नहीं रहते। वहीं नए वर्कशॉप में तैयार हुए निर्देशक नए रंगकर्मियों की पौध को भी सींचते नजर आ रहे हैं। वर्ल्ड थिएटर डे के मौके पर जानिए रंगकर्मी किस तरह के नाटकों पर कर रहे हैं काम।

दक्षिण भारतीय के फ्रीडम फाइटर पर तैयार करूंगी नाटक
अभिनय के अलावा मैं रंग-संगीत भी काम कर रही हूं। हाल में संगीत कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें नाटकों के लिए गीत तैयार किए। इसके अलावा मैं आने वाले दिनों में दक्षिण भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर नाटक तैयार करूंगी, क्योंकि जब मैंने रानी वेलु नचियार पर नाटक तैयार किया तो दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाईं थीं। रानी वेलु नचियार भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ युद्ध छेड़ने वाली पहली भारतीय रानी थीं। इन दिनों लोगों का रूझान इतिहास की ओर है तो मैं हिस्टोरिकल प्ले तैयार करने में जुटी हूं। जल्दी आंध्र प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी वीर नरसिम्हा रेड्डी पर नाटक तैयार करूंगी।-विभा श्रीवास्तव, नाट्य निर्देशक

सोलो एक्ट को दे रहे बढ़ावा
हम सोलो एक्ट की तरफ दर्शकों को ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल में एलबीटी में सोलो सागा 2.0 का मंचन किया जिसमें जाने- माने अभिनेता आलोक चटर्जी ने सोलो एक्ट किया। इसमें एक ही किरदार पूरी कहानी को आगे बढ़ता है। इस तरह के प्रयोग हम करने का प्रयास कर रहे हैं।-अपूर्व मिश्रा, नाट्य निर्देशक

बच्चों को साथ जोड़ने का प्रयास
मेरा मकसद हमेशा ही बच्चों को ज्यादा से ज्यादा नाटकों से जोड़ना है। यह बच्चे कई बार ऐसी दुनिया से आते हैं, जहां उनके आसपास कुछ भी रचनात्मक नहीं होता। हाल में ही 45 दिन की वर्कशॉप की जिसमें 4 से लेकर 55 साल तक के कलाकारों को मौका दिया। अभिनय के अलावा स्टेज प्रापर्टीज भी तैयार करना सिखाया।-सिंधु धौलपुरे, नाट्य निर्देशक

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