
जबलपुर। लोकायुक्त टीम मप्र में रिश्वतखोरी पर लगातार शिकंजा कस रही है। मंगलवार को लोकायुक्त टीम ने आदिवासी विकास विभाग के क्लर्क मनीष परते को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। मनीष परते ने एक शिक्षिका की नियुक्ति का आदेश जारी करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी।
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नियुक्ति आदेश करने के लिए मांगी घूस
लोकायुक्त अधिकारियों ने बताया कि टिकरिया तहसील नारायणगंज जिला मंडला निवासी पवन झारिया (33) की पत्नी का व्यापमं के माध्यम से शिक्षक वर्ग-2 में चयन हुआ था। शिक्षक वर्ग में चयन होने के उपरांत पवन अपनी पत्नी के साथ संभागीय उपायुक्त आदिवासी विकास कार्यालय पहुंचा। जहां सहायक ग्रेड-3 कंप्यूटर ऑपरेटर मनीष परते ने नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए रिश्वत की मांग की। मनीष घूस की राशि न मिलने पर पवन और उसकी पत्नी को भटकाने लगा। इसकी पवन ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय में की शिकायत की।
एसपी के आदेश पर टीम गठित
लोकायुक्त एसपी साहू ने पवन झारिया की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ने कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएसपी जेपी वर्मा, निरीक्षक कमल सिंह उईके, निरीक्षक सुरेखा परमार, निरीक्षक नरेश बेहरा, आरक्षक अमित मंडल, अंकित, अमित गावडे, राकेश विश्वकर्मा की टीम गठित की गई।
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लोकायुक्त की टीम ने किया ट्रैप
बताया गया कि मनीष परते ने पवन को रिश्वत के पैसे लेकर मंगलवार को संभागीय उपायुक्त आदिवासी विकास कार्यालय बुलाया। जानकारी पर लोकायुक्त की ट्रैप टीम भी कार्रवाई के लिए तैयार हुई। पवन झारिया से मनीष परते ने जैसे ही रिश्वत के 5 हजार रुपए लिए लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।