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राम की नगरी ओरछा अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्ट डेस्टिनेशन और हेरिटेज सिटी बनेगी

विश्व पर्यटन के नक्शे पर पहुंचेगी यहां की वास्तुकला, अयोध्या की तर्ज पर होगी ब्रांडिंग

 राजीव सोनी/भोपाल। प्राकृतिक खूबसूरती, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ ही अद्भुत वास्तुकला की छतरियां और महलों की नगरी ओरछा अब विश्व पर्यटन के नक्शे पर नई पहचान बनाएगी। मध्यप्रदेश सरकार ने अयोध्या की तर्ज पर रामराजा मंदिर की इस ऐतिहासिक नगरी को अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्ट डेस्टिनेशन और हेरिटेज सिटी बनाने की योजना पर काम शुरू किया है। उपेक्षित पड़े कुछ ऐसे महत्वपूर्ण मॉनूमेंट्स को भी संरक्षित किया जा रहा है, जो टूरिस्ट की पहुंच से दूर हैं। सरकार ने ओरछा की नए सिरे से ब्रांडिंग पर फोकस किया है।

उपेक्षित हैं जल दुर्ग और लक्ष्मी मंदिर

  •  जल दुर्ग: ओरछा नगर में ही मौजूद 16वीं सदी के जल दुर्ग को टूरिस्ट की पहुंच में लाया जाएगा। यह सुंदर दुर्ग चारों तरफ पानी से घिरा है।
  • लक्ष्मी मंदिर: श्रीयंत्र पर निर्मित अनूठा और तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।
  •  क्रांति तीर्थ: चंद्रशेखर आजाद की कुटिया एवं गुफा। महाकवि केशव की जन्म स्थली का जीर्णोद्धार।
  • रिवर रॉμिटंग: बेतवा नदी में रिवर रॉμिटंग की सुविधा बढ़ाने की योजना।
  • फूल महल और बाग: ओरछा मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित फूलमहल-बाग उपेक्षित हैं।
  • ये स्थल भी संवरेंगे: ऐतिहासिक चतुर्भुज मंदिर, सुंदर महल, राज महल, राय प्रवीन महल, जहांगीर महल एवं शीश महल, कंचन घाट पर स्थित छतरियां।

वास्तुकला के नायाब नमूने मौजूद हैं यहां

हेरिटेज सिटी के रूप में विकसित करने आस-पास मौजूद 50-60 सुंदर वास्तुकला के मंदिर-महल और छतरियों को संरक्षित करने की योजना है। अभी ओरछा आने वाले ज्यादातर टूरिस्ट यहां के प्रमुख रामराजा मंदिर और बेतवा तट की खूबसूरती देखकर लौट जाते हैं। भगवान राम को यहां राजा के रूप में पूजा जाता है।

यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनवाने की कवायद

शासन स्तर पर ओरछा को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल कराने की कवायद भी तेज की गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि हर साल यहां औसतन 26 हजार विदेशी पर्यटक आते हैं। झांसी- खजुराहो कनेक्टिविटी के कारण यह संख्या बढ़ गई है। स्वीडन व पेरिस से आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।

ओरछा में हाल के वर्षों में स्वीडन व पेरिस के टूरिस्ट तेजी से बढ़े हैं। इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हेरिटेज सिटी के रूप में विकसित करने का प्लान तैयार किया है। मंदिर, महल, छतरियों का संरक्षण हो रहा है। – उर्मिला शुक्ला, सचिव संस्कृति एवं कमिश्नर पुरातत्व, मप्र

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