
मद्रिद। हाल ही में किए गए एक शोध में दावा किया गया है कि माइक्रोवेव ओवन में अनोखे बैक्टीरिया पनप रहे हैं। यह खोज न केवल स्वच्छता के पहलू को समझने में सहायक है, बल्कि बायोटेक्नोलॉजी एप्लीकेशंस के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकती है। स्पेन के पैटरना स्थित डार्विन बायोप्रोस्पेक्टिंग एक्सीलेंस एसएल के शोधकर्ता डैनियल टोरेंट ने बताया कि माइक्रोवेव ओवन में मानवकृत माइक्रोबायोम मौजूद होते हैं, जो रसोई की सतहों पर भी पाए जाते हैं। इसके विपरीत, प्रयोगशाला के माइक्रोवेव में रेडिएशन प्रतिरोधी बैक्टीरिया का विकास होता है। शोधकर्ताओं ने 30 माइक्रोवेव ओवन से सूक्ष्मजीवों के नमूने एकत्र किए, जिनमें से 10 घरेलू रसोई, 10 कॉरपोरेट कैफेटेरिया और 10 प्रयोगशालाओं से थे। इस शोध का उद्देश्य खाद्य संपर्क और उपयोगकर्ता की आदतों के प्रभाव का अध्ययन करना था।
1747 जीवाणुओं की पहचान:
शोध में 25 जीवाणु फाइला के 747 विभिन्न वंशों की पहचान की गई। सबसे सामान्य फाइला फर्मिक्यूट्स, एक्टिनोबैक्टीरिया और प्रोटियोबैक्टीरिया थे। घरेलू माइक्रोवेव ओवन में सूक्ष्मजीवों की विविधता कम पाई गई, जबकि प्रयोगशाला वाले माइक्रोवेव में अधिक थी। घरेलू माइक्रोवेव में एसीनेटोबैक्टर, भार्गविया, ब्रेवीबैक्टीरियम और राइजोबियम जैसे बैक्टीरिया पाए गए। साझा घरेलू स्थानों में आर्थ्रोबैक्टर, एंटरोबैक्टर, जैनीबैक्टीरिया और प्लेनोकोकस मिले। प्रयोगशाला माइक्रोवेव में नोनोमुरिया, डेल्फिटया, माइक्रोकोकस, डीनोकोकस और साइनोबैक्टीरिया की प्रजातियां पाई गई ।