
प्रीति जैन- बैक-टू-बैक फेस्टिवल और इस दौरान होने वाली सोशल गेदरिंग कई बार बहुत स्ट्रेसफुल और थकाने वाली होती है। जैसे-जैसे फेस्टिवल पार्टी कल्चर बढ़ रहा, उस हिसाब से कई लोग तमाम इवेंट्स में शामिल होने की कोशिश में तनाव महसूस करते हैं। उन्हें लगता है कि हर जगह उनकी मौजूदगी जरूरी है और कहीं आमंत्रित करने वाला न पहुंचने पर बुरा न मान जाएं, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक सभी जगह पहुंचना जरूरी नहीं। आप मानसिक व शारीरिक रूप से थक गए हैं, क्योंकि त्योहारों की थकान हल्की- फुल्की नहीं होती। बच्चों से लेकर बड़े तक इसे महसूस करते हैं और रूटीन के काम के साथ यह अतिरिक्त कार्य होता है।
शरीर पर क्षमता से ज्यादा बोझ पड़ने पर कम होने लगती है एनर्जी
फेस्टिवल पार्टीज में स्ट्रेस लेकर जा रहे हैं तो इससे बचें। यदि दिमाग और शरीर साथ दे रहे हैं, तभी बैक-टू-बैक पार्टीज करें अन्यथा खुद को थकान से बचाने के लिए ब्रेक दें। त्योहार पर थकान कामों का बोझ बढ़ने से होती है। शरीर पर उसकी क्षमता से ज्यादा बोझ पड़ने के कारण शरीर अपनी ऊर्जा खो देता है। रोजमर्रा की जिंदगी के रूटीन से हटकर कभी भी कामों का अतिरिक्त बोझ अचानक आ जाए तो थकान होना तो स्वाभाविक है। इस दौरान मेंटल प्रेशर वर्किंग लेडीज पर और भी ज्यादा हो जाता है क्योंकि त्योहार में दफ्तर और घर दोनों जगह काम बढ़ जाता है।
इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाएं रखें
फेस्टिव सीजन में छुट्टी में भी काम करने का प्रेशर, साथ ही घर को मैनेज करना तनाव का कारण बनता है। इस वजह से थकान और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। सोने का शेड्यूल बिगड़ना, खाने की आदतों में बदलाव, ट्रैवलिंग टाइम बढ़ जाता है। घंटों ट्रैफिक में फंसे रहना पड़ेगा, जैसे विचार भी थकान पैदा करते हैं। पौष्टिक डाइट न लेना, पर्याप्त पानी न पीना भी सिर दर्द, जोड़ों और मसल्स में दर्द का कारण बनता है, इसलिए शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाएं रखें। इसके लिए नारियल पानी बेस्ट ऑप्शन है। शॉपिंग पर जाते समय केला साथ रखें। इसमें पोटेशियम और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर में प्रोबायोटिक्स गुणों का संचार करते हैं। – डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, न्यूट्रिशनिस्ट
हर जगह पहुंचने का टास्क न रखें
कई लोगों का सोशल सर्किल बहुत बड़ा होता है तो उन्हें तमाम जगहों से आमंत्रण मिलते हैं। ऐसे में न चाहकर भी कई लोग सभी जगह पहुंचकर थकान के शिकार बनते हैं। ऐसे में प्रॉयोरिटी तय करना होगी कि किन जगहों पर जाना बहुत जरूरी है और किन जगहों पर न पहुंच पाने की माफी मांगी जा सकती है। घर से बिल्कुल अपोजिट डायरेक्शन में त्योहार के ट्रैफिक में घंटों परेशान होकर पहुंचने पर दोगुना स्ट्रेस होता है। अपनी सेहत को पहले प्राथमिकता दें। हर जगह पहुंचने की हड़बड़ी में न खुद को थकाएं और न ही फैमिली को। कई बार घरों में इस बात को लेकर झगड़े तक हो जाते हैं। बच्चों को हर जगह ले जाने के लिए भी फोर्स नहीं करना चाहिए। – सोनल छतवानी, मनोविशेषज्ञ
त्योहार की थकान उतारने बॉडी स्पा ले सकते हैं
थकान होने पर तेल से सिर की अच्छी तरह से मालिश करें। फुल बॉडी मसाज भी ले सकते हैं या पैर की मसाज कराएं। इसे कराने के बाद रिलैक्स फील होता है। दिवाली की साफ-सफाई और तैयारी के बाद लेडीज सबसे ज्यादा रिलैक्सिंग मसाज के लिए ही आती हैं ताकि थकान मिटा सकें। काम का सबसे ज्यादा बोझ लेडीज पर पड़ता है तो उन्हें अपना ख्याल रखने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। थकान लगने पर रिलैक्स होने के लिए करीब 20 से 30 मिनट की एक पावर नैप लें। इससे दिमाग व शरीर को आराम मिलता है। इसके अलावा बॉडी स्पा से भी शरीर को आराम मिलता है और फिर नींद भी अच्छी आती है। – मंजू गुप्ता, ब्यूटी व वेलनेस एक्सपर्ट