
एंटरटेनमेंट डेस्क। देश में इन दिनों मणिपुर वाली घटना चर्चा में है। इसी बीच द कश्मीर फाइल्स जैसी हिट फिल्म बनाने वाले फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री को ट्विटर यूजर ने चैलेंज दिया है। एक ट्विटर यूजर ने विवेक कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो मणिपुर वाली घटना पर एक फिल्म बनाकर दिखाएं। विवेक ने इसका जवाब भी दिया है, जो अब चर्चा में आ गया है।
असली मर्द हो तो मणिपुर फाइल्स बनाओ : यूजर
‘द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड’ विषय का जिक्र करते हुए विवेक अग्निहोत्री ने एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, भारत की न्यायपालिका कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार पर अंधी और मूक बनी रही। कश्मीरी हिंदुओं के संवैधानिक रूप से प्राप्त जीने के अधिकार को बचाए रखने में भी नाकाम रही।
इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘समय बर्बाद मत करो, जाओ और एक फिल्म मणिपुर फाइल्स बनाओ अगर तुम असली मर्द हो तो।’ वहीं विवेक ने इसका जवाब देते हुए कहा कि, मुझमें विश्वास दिखाने के लिए आपका बहुत शुक्रिया। पर सारी फिल्में मुझसे ही बनवाओगे क्या यार, तुम्हारी ‘TEAM INDIA’ में कोई ऐसा फिल्म मेकर नहीं है क्या जो इस पर फिल्म बना सके?
Thanks for having so much faith in me. Par saari films mujhse hi banwaoge kya yaar? Tumhari ‘Team India’ mein koi ‘man enough’ filmmaker nahin hai kya? https://t.co/35U9FMf32G
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) July 21, 2023
मणिपुर की घटना
मणिपुर में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने का ये वीडियो 4 मई का बताया जा रहा है। इसके मुताबिक, यह घटना हिंसा शुरू होने के 1 दिन बाद की है। वीडियो कांगकोपी का बताया जा रहा है। इसमें देखा गया कि, भीड़ 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर खेत में घसीट रही है।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम का दावा है कि, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाली भीड़ मैतेई समुदाय से थी। पुलिस ने 21 जून यानी घटना के 1 महीने से अधिक समय बाद FIR दर्ज की थी। आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा के तहत धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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मणिपुर में हिंसा
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़प हुई थी। दरअसल, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने तीन मई को ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकाला। ये रैली चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके में निकाली गई। इसी रैली के दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
शाम तक हालात इतने बिगड़ गए कि राज्य सरकार ने केंद्र से मदद मांगी। जिसके बाद सेना और पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियों को वहां तैनात किया गया। ये रैली मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाली गई थी। मैतेई समुदाय लंबे समय से अनुसूचित जनजाति यानी एसटी का दर्जा देने की मांग हो रही है
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मैतेई समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं।