
नई दिल्ली। भारत में एक बार फिर कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। चीन समेत दुनिया के कई देशों में नए वैरिएंट के मामलों में बढ़ोतरी के बाद अब भारत सरकार भी सतर्क हो गई है। वहीं अब राज्य सरकारें भी एक्शन मोड में आ गई हैं। उत्तर प्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक में राज्य सरकारें कोरोना की रोकथाम के लिए कई अहम फैसले ले रहीं हैं।
सीएम केजरीवाल ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
दिल्ली में बुधवार को पांच नए संक्रमित मिलने और एक मरीज की मौत से हड़कंप मच गया है। जिसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को अधिकारियों और मंत्रियों की इमरजेंसी बैठक बुलाई है। बैठक में कुछ अहन फैसले लिए जा सकते हैं। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राजधानी में अभी संक्रमण दर 0.19 प्रतिशत है। दिल्ली में फिलहाल कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 27 है।
यूपी में सीएम योगी ने बुलाई बैठक
उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होने के बाद सरकार ने विदेशों से आने वाले यात्रियों की जांच करने के आदेश दिए हैं। वहीं कोरोना को लेकर गुरुवार सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक बुलाई है। इसमें कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
महाराष्ट्र में विदेश से आने वालों की स्कैनिंग
कोरोना की पिछली लहर में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र प्रभावित रहा था। इसी को देखते हुए महाराष्ट्र में चीन से आने वाले लोगों के थर्मल स्कैनिंग का फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार शाम समीक्षा बैठक बुलाई है।
कर्नाटक और उत्तराखंड सरकार ने भी कसी कमर
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कर्नाटक सरकार ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में संक्रमण को रोकने के लिए सीएम ने बैठक बुलाई है। इसी तरह नए साल के जश्न के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए उत्तराखंड सरकार गाइडलाइन जारी कर सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री- कोरोना खत्म नहीं हुआ है…
बुधवार को बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर बताया कि, कुछ देशों में कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए एक्सपर्ट के साथ बैठक की। अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। हमने सभी संबंधित लोगों को अलर्ट रहने और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
डॉ. पॉल: बूस्टर डोज जरूरी
बैठक के बाद नीति आयोग में डॉ. वीके पॉल ने कहा कि, कोरोना टीकों की तीसरी या ऐहतियाती खुराक अनिवार्य है। अभी केवल 27% आबादी ने ही बूस्टर डोज ली है, इसे सभी को लेना चाहिए। इसके साथ ही लोगों से भीड़भाड़ में मास्क लगाने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि, ये गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरी है।
दूसरे वैरिएंट से कैसे खतरनाक है चीन का वैरिएंट
चीन में बढ़ते कोरोना मामलों ने दूसरे देशों की चिंता भी बढ़ा दी है। वहां लाखों लोग घरों में कैद हैं। अस्पतालों में जगह नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन की राजधानी बीजिंग में 70 फीसदी आबादी कोविड-19 के चपेट में आ चुकी है। संक्रमण की रफ्तार घंटों के हिसाब से दोगुनी हो रही है। कोविड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारत सरकार ने भी सभी राज्यों को निर्देश जारी किया है। अमेरिका ने भी इसको लेकर चिंता जाहिर की है।
BF.7 है सबसे शक्तिशाली वैरिएंट
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में फैल रहा BF.7 ओमीक्रोन का सबसे शक्तिशाली वैरिएंट है। यह पहले संक्रमित हो चुके लोगों, फुली वैक्सीनेटेड लोगों या दोनों को ही बीमार बना रहा है। ये जल्दी फैलता है और लक्षण भी पुराने कोरोना वैरिएंट्स के मुकाबले जल्दी सामने आ जाते हैं।
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एक मरीज 18 लोगों को संक्रमित करने में सक्षम
BF.7 का रिप्रोडक्शन नंबर (RO) 10-18.6 है। इसका मतलब यह है कि संक्रमित होने वाला एक मरीज कम से कम 10 से 18.6 लोगों को एक बार में इन्फेक्टेड करने में सक्षम है। बता दें कि ओमीक्रोन वैरिएंट का औसतन RO 5.08 पाया गया है। शायद यही कारण है कि चीन में कोरोना मामले दिनों में नहीं, बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं।
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चीन में क्यों ज्यादा फैल रहा वायरस
BF.7 के लक्षणों में सर्दी-, खांसी, बुखार, गले में खराश, हरारत, उल्टी और डायरिया शामिल हैं। यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों के लिए यह ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। बता दें कि चीन में सख्त प्रतिबंधों का पालन किया जा रहा था, जिसके चलते लोगों में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी मजबूत हो ही नहीं पाई।
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