
भोपाल/जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर संभाग में यूरिया वितरण में गड़बड़ी सामने में आज फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान के तेवर सख्त दिखें। शुक्रवार को इस मामले में जबलपुर संभाग के सभी आला अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने के बाद आज फिर उन्होंने वर्चुअली बैठक ली।
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव, किसान कल्याण, प्रमुख सचिव सहकारिता, जबलपुर कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी, एसपी भी शामिल हुए।
फॉलोअप बैठक में कार्रवाई का ब्यौरा लिया
इस फॉलोअप बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कल दिए गए निर्देशों पर कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया। उन्होंने पूछा कि कल जो हमने तय किया था उस पर क्या-क्या कार्रवाई हुई? सीएम ने कहा कि मप्र सरकार ने जो तय किया था कि 70 प्रतिशत मार्कफेड के पास और फिर सहकारी समिति के माध्यम से किसानों को मिलेगा। 30 प्रतिशत प्राइवेट को जाना था। इसका उल्लंघन करने में जवाबदेह कौन है? जिन्होंने प्राइवेट को ज्यादा दिया, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई।

ऐसी कार्रवाई करें कि कोई आगे हिम्मत ना करें : सीएम
इस मामले पर सीएम शिवराज ने उनसे कहा कि जो दोषी हैं, उन्हें किसी कीमत पर छोड़ा न जाए। बाकी आरोपियों को भी जल्दी पकड़ें। दोषियों पर ऐसी कार्रवाई करें कि ऐसा काम करने की कोई आगे हिम्मत ना कर पाए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जिन जिलों में खाद की जरूरत है, उनमें खाद की कमी ना हो, एडवांस लिफ्टिंग करें और सभी जिलों की समीक्षा कर सीएमओ को बताएं।
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इन लोगों पर एफआईआर दर्ज
बैठक में जबलपुर कमिश्नर ने बताया कि दो स्तर पर कार्रवाई हुई। पहले स्तर पर तीन लोगों (द्वारिका गुप्ता, जयप्रकाश सिंह, राजेंद्र चौधरी) पर एफआईआर दर्ज हुई है। द्वारिका गुप्ता, ट्रांसपोर्टर है, बिलासपुर से है, उनके तीन ठिकानों पर छापामारी की है। वह फरार हैं, उनके असिस्टेंट शुभम से पूछताछ कर रहे हैं। जयप्रकाश सिंह, भोपाल से हैं उन्हे गिरफ्तार कर पूछताछ जारी है।
एफआईआर में नोएडा के राजेंद्र सिंह का नाम है, लेकिन उनकी संलिप्तता नजर नहीं आ रही। उनके स्थान पर असिस्टेंट आरके चोपड़ा से पूछताछ की जा रही। कमिश्नर ने यह भी बताया कि दूसरे स्तर पर छापेमारी में अभी दो गोडाउन में 129 मीट्रिक टन खाद मिला है। शेष के लिए कार्रवाई जारी है।
क्या है मामला ?
बता दें कि 26 अगस्त को लगभग 2600 टन यूरिया जबलपुर पहुंचा था। ये यूरिया सिवनी, मंडला, डिंडौरी और दमोह की सहकारी समितियों को आंवटित करने के लिए आया था। लेकिन, 890 टन यूरिया गायब हो गया। करीब तीन करोड़ रुपए से अधिक का यूरिया सोसायटियों तक नहीं पहुंचा। यूरिया को सरकारी समितियों की जगह प्राइवेट फर्म को पहुंचा दिया गया।