
पिछले साल लाल किला हिंसा में आरोपी रहे व पंजाब के एक्टर दीप सिद्धू की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। यह हादसा केएमपी एक्सप्रेस-वे पर पिपली टोल प्लाजा के पास का बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिद्धू अपनी एक महिला मित्र के साथ दिल्ली से पंजाब लौट रहे थे।
एनआरआई दोस्त घायल
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक सिद्धू की एसयूवी हाइवे पर खड़े ट्राले में जा घुसी। हादसे में वाहन के परखच्चे उड़ गए। इसमें सिद्धू ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया, वहीं महिला मित्र को चोटें आई हैं। महिला अमेरिका की रहने वाली है, जिसे सोनीपत के खरखौंदा अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक सिद्धू की महिला साथी हादसे के वक्त नींद में थी और उसे नहीं पता कि यह हादसा कैसे हुआ।

किसान आंदोलन से आए थे चर्चा में
दीप केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे। इसके बाद पिछले साल 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा में उन्हें आरोपी बनाया गया। इस मामले में दीप सिद्धू की गिरफ्तारी भी हुई थी। वहीं पंजाब चुनाव में सिद्धू अमरगढ़ से शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के प्रधान सिमरनजीत सिंह मान का भी प्रचार कर रहे थे।
सोनीपत के अस्पताल में रखा गया है शव
बता दें कि घटना रात 9.30 की है जब सिद्धू की तेज रफ्तार स्कॉर्पियो एसयूवी सड़क किनारे खड़े ट्रक में जा घुसी। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दीप सिद्धू के शव को बाहर निकाला गया। उनका शव खरखौदा सीएचसी में रखवाया गया है।
पंजाब के सीएम ने जताया दुख
दीप सिद्धू के निधन पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि प्रसिद्ध अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता #DeepSidhu के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।
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Deeply saddened to learn about the unfortunate demise of renowned actor and social activist, #DeepSidhu. My thoughts and prayers are with the bereaved family and fans.
— Charanjit Singh Channi (@CHARANJITCHANNI) February 15, 2022
लालकिले की घटना और सिद्धू का पोस्ट
पिछले वर्ष सिद्धू तब विवादों से घिरे जब उन्होंने लालकिले की घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में उसने कहा था कि हमने सिर्फ लालकिले पर निशान साहिब वाला ध्वज फहराया है, जो कि हमारा लोकतांत्रिक हक है। वहां पर तिरंगा नहीं हटाया गया था। हालांकि, पूरे देश में इस कृत्य का जमकर विरोध हुआ था।