
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में पुलिस और सेना ने बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। अब तक 3000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है और इनसे पूछताछ जारी है। इनमें सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां साउथ कश्मीर से हुई है। इसके अलावा 75 ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) भी पकड़े गए हैं, जिन पर आतंकियों की मदद का शक है।
OGWs से पूछताछ में जुटी NIA
NIA ने अब तक 20 से ज्यादा OGWs को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। इनमें निसार अहमद हाजी और मुस्ताक हुसैन नाम के दो लोग शामिल हैं, जो कि पहले से कोट भलवाल जेल में बंद हैं। ये दोनों लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर चुके हैं और 2023 में हुए दो आतंकी हमलों में मदद कर चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों को शक है कि राजौरी-पुंछ और पहलगाम हमलों में शामिल आतंकी एक ही ग्रुप या कैंप से हो सकते हैं।
जंगलों में छिपे हैं आतंकी, सुरक्षाबल चला रहे तलाशी अभियान
सुरक्षाबलों को इनपुट मिला है कि हमले में शामिल आतंकी पिछले 10 दिनों से जंगलों में छिपे हुए हैं। वे प्राकृतिक गुफाओं और हाइडआउट्स का सहारा लेकर बचने की कोशिश कर रहे हैं।
सेना और सुरक्षा एजेंसियां पहलगाम बेसरन घाटी, तारनू, हपतगुंड और डावरू समेत आसपास के 20 किलोमीटर के इलाके में गहन सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। मोबाइल टावर लोकेशन और कॉल डिटेल्स के जरिए संदिग्ध गतिविधियों की जांच की जा रही है।
पाकिस्तान ने अब्दाली मिसाइल का परीक्षण कर बढ़ाया तनाव
पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से ही बढ़ा हुआ है। इसी बीच पाकिस्तान ने शनिवार को ‘अब्दाली’ मिसाइल का परीक्षण कर डाला। यह मिसाइल 450 किमी की रेंज तक मार कर सकती है।
पाकिस्तानी सेना ने इसे ‘अभ्यास इंडस’ का हिस्सा बताया और कहा कि इसका उद्देश्य सैनिकों की तत्परता और मिसाइल की तकनीकी क्षमता की जांच था। सेना के इस कदम को जानकार ‘सोची-समझी रणनीति’ का हिस्सा मान रहे हैं, जो क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है।
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