देश के पांच राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर आज कोई बड़ा एलान हो सकता है। दरअसल, देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों ने सरकार के साथ-साथ चुनाव आयोग की भी चिंता बढ़ा दी है। भारत में लगातार बढ़ रहे कोरोना और ओमिक्रॉन के मामलों को देखते हुए आज चुनाव आयोग स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ अहम बैठक करने जा रहा है।
टल सकते हैं चुनाव!
क्या चुनाव आयोग चनावों को टाल सकता है? इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले ही चुनावों को लेकर टिप्पणी कर चुका है और सरकार व चुनाव आयोग से आग्रह कर चुका है। ऐसे में आज की होने वाली बैठक में इसपर फैसला लिया जाएगा। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अलावा चुनाव आयोग के अधिकारी भी शामिल होंगे। इस दौरान पांचों राज्यों में कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं और ओमिक्रॉन संक्रमण के खतरे पर मंथन करेंगे।
इन पांच राज्यों में होने हैं चुनाव
गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल मार्च में समाप्त हो रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश में विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त होगा। अगले साल सभी राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग प्रचार, मतदान के दिनों और मतगणना की तारीखों के लिए अपने कोविड-19 प्रोटोकॉल में सुधार को लेकर भी सुझाव मांग सकता है।
पश्चिम बंगाल में हुआ था कोरोना विस्फोट
दरअसल, वर्ष 2021 की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव कराए गए थे। सभी पार्टियों की रैली में भारी भीड़ उमड़ी थी। आठ चरणों में होने वाले चुनाव का छठा चरण आते-आते बंगाल में कोरोना विस्फोट होने लगा। कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से हुई वृद्धि के लिए चुनाव आयोग की खूब आलोचना हुई थी।
रैलियों को लेकर की जाएगी चर्चा
पश्चिम बंगाल के चुनाव में आलोचना झेलने के बाद चुनाव आयोग को प्रचार अभियान को सीमित करना पड़ा था। रैलियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। चुनाव आयोग इस बार नहीं चाहता कि बंगाल चुनाव की तरह उसे फिर से आलोचना झेलनी पड़े। ज्ञात हो कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट का डर अलग से बना हुआ है। इस करण रैलियों को लेकर भी चर्चा की जाएगी।