
कैलिफोर्निया। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया डेविस के माइंड इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के अध्ययन में खुलासा हुआ है कि नेबरहुड फैक्टर के कारक ऑटिस्टिक व गैर-ऑटिस्टिक बच्चे दोनों में अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिसऑर्डर के लक्षणों को कैसे प्रभावित करते हैं। ये निष्कर्ष स्वास्थ्य समानता में सुधार के उद्देश्य से सार्वजनिक नीति परिवर्तनों का मार्गदर्शन कर सकते हैं। अध्ययन की पहली लेखिका और यूसी डेविस माइंड इंस्टीट्यूट में पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता कैटरीना कैलब ने कहा कि हमने पाया कि कुछ खास नेबरहुड फैक्टर ऑटिस्टिक बच्चों में एडीएचडी लक्षणों के साथ जुड़े होते हैं।
यह प्रभाव सामान्य रूप से विकसित होने वाले बच्चों या विकलांग बच्चों में नहीं देखा गया, जो बताता है कि संसाधन विहीन स्थानों के ऑटिस्टिक बच्चों में अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिसऑर्डर के लक्षण अधिक गंभीर होते हैं। अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिसऑर्डर के लक्षणों में असावधानी, अति सक्रियता व आवेगपूर्ण व्यवहार शामिल हैं, जो स्कूल, सामाजिक संबंधों और भावनात्मक कल्याण में चुनौतियों का कारण बन सकते हैं।
30 से अधिक लक्षणों को मापा
शोध में बचपन से किशोरावस्था तक के विकास पर नजर रखने वाले दो अध्ययनों से 246 बच्चों के डेटा का उपयोग किया गया। शोधकर्ताओं ने चाइल्ड अपॉर्च्युनिटी इंडेक्स लागू किया, जो सामाजिक आर्थिक व शिक्षा तक पहुंच सहित 30 से अधिक नेबरहुड फैक्टर के लक्षणों को मापता है। उच्च सूचकांक स्कोर बेहतर बचपन के स्वास्थ्य से जुड़े हैं। विश्लेषण से पता चला कि जन्म के समय बाल अवसर सूचकांक का कम स्कोर किशोरावस्था में एडीएचडी लक्षणों में वृद्धि बताने वाला संकेत है, जो गैर ऑटिस्टिक बच्चों में नहीं देखा गया।
पीड़ितों के लिए कई चुनौतियां
शोधकर्ता कैलब ने कहा कि अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिसऑर्डर से पीड़ित ऑटिस्टिक बच्चों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और कम आय वाले इलाकों में पैदा होने से ये कठिनाइयां और बढ़ जाती हैं। हमारे निष्कर्ष वंचित क्षेत्रों में ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए अधिक संसाधनों की जरूरत को रेखांकित करते हैं। शोधकर्ता इन संबंधों का पता लगाने के लिए बड़े व विविध अध्ययनों की मांग की है। उन्होंने ऐसे हस्तक्षेपों की मांग की है, जो इसे डिजीज के लक्षणों पर नेबरहुड फैक्टर के प्रभावों को काम कर सके।