अंतर्राष्ट्रीयताजा खबर

China Earthquake : भूकंप के तेज झटकों से कांपा चीन, 7.2 तीव्रता रही; 40 आफ्टरशॉक आए, 120 मकान ध्वस्त, कई लोग हुए घायल

बीजिंग। चीन-किर्गिस्तान बॉर्डर पर सोमवार देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर 7.2 तीव्रता मापी गई। उत्तर पश्चिम चीन के शिनजियांग क्षेत्र में वुशी काउंटी के पहाड़ी सीमा क्षेत्र में 22 किमी (13 मील) की गहराई पर भूकंप आया। भूकंप के झटके इतने जबरदस्त थे कि कई इलाकों में लोग डरकर अपने घरों से बाहर निकल आए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूकंप में कई इमारतें ढह गई हैं और कई लोग घायल हैं। भूकंप से 120 घर पूरी तरह ढेर हो गए हैं।

40 आफ्टरशॉक दर्ज

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भूकंप के बाद 40 आफ्टरशॉक भी दर्ज किए गए हैं। भूकंप आने के बाद करीब 200 बचावकर्ताओं को भूकंप के केंद्र स्थल पर भेजा गया है। भूकंप के झटके पड़ोसी देश किर्गिस्तान और कजाखस्तान में भी महसूस किए गए। उरूम्की, कोरला, काशगर, यिनिंग में भूकंप का सबसे ज्यादा असर हुआ है।

कई मकान और इमारतें क्षतिग्रस्त

शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र की सरकार ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा- कई लोग घायल हैं। इसके अलावा 47 मकान ध्वस्त हो गए, 78 मकान क्षतिग्रस्त हुए और कुछ कृषि भवन ढह गए हैं। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र के हवाले से बताया कि स्थानीय समयानुसार देर रात दो बजे अक्सू प्रांत की वुशु काउंटी में भूकंप आया।

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप तियान शान पर्वत श्रृंखला में आया जो भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र हैं, लेकिन वहां इस पैमाने पर भूकंप कभी-कभार ही आता है। उसने बताया कि इस इलाके में सबसे अधिक 7.1 तीव्रता का भूकंप 1978 में आया था।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

ये भी पढ़ें- Japan Earthquake Update : जापान में भूकंप ने मचाई तबाही, 24 लोगों की मौत… 33 हजार घरों में अंधेरा; सुनामी का अलर्ट

संबंधित खबरें...

Back to top button