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चंदेरी, महेश्वरी और सिल्क साड़ी पहने मॉडल्स ने की रैंप वॉक, पेश किए बूटी और जाली वर्क

गौहर महल में देवी अहिल्या बाई होलकर हस्तशिल्प एवं हथकरघा मेले में फैशन शो का आयोजन

फिल्मी गीतों की मधुर धुन और रंग बिरंगी लाइट्स के बीच मंच पर आतीं मॉडल्स। यह नजारा था, तेज ठंड में बड़ी झील किनारे स्थित गौहर महल में आयोजित फैशन शो का। इस दौरान गौहर महल पर खूबसूरत लाइटिंग भी की गई। देवी अहिल्या बाई होलकर हस्तशिल्प एवं हथकरघा मेले में बुधवार को भारतीय परिधानों पर केंद्रित फैशन शो आयोजित किया गया। इस दौरान मॉडल्स ने महेश्वरी, चंदेरी, बाग, कॉटन सिल्क से तैयार पारंपरिक परिधानों को पहन मंच पर प्रस्तुत किया। लगभग 2.30 घंटे चले फैशन शो में मॉडल्स ने एक से बढ़कर डिजाइन की साड़ी प्रदर्शित कीं। मप्र हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम की ओर से इस मेले का आयोजन 12 दिसंबर तक किया गया है।

24 मॉडल्स ने की रैंप वॉक

मॉडल साक्षी पटेल ने बताया कि ठंड के कारण हम मॉडल्स ने ब्लैक हाईनेक टॉप के साथ साड़ी पहनीं, ताकि ठंड से भी बचाव हो सकें। चंदेरी व महेश्वरी, कोसा, दाबू, कॉटन सिल्क साड़ियों का कलेक्शन इस दौरान पेश किया गया। साड़ियों पर पारंपरिक बूटी वर्क, जाला वर्क, फूल के डिजाइन और महलों व जालियों के काम देखने को मिले। इस दौरान सभी ने साड़ी के साथ जरी-जरदोजी के पर्स कैरी किए और साड़ी को इंडियन व इंडो-वेस्टर्न लुक देते हुए ड्रेप किया। साड़ी के साथ स्टोन स्टड बेल्ट भी लगाए, जिससे ड्रेस आकर्षक लगे।

साड़ी के साथ कैरी किया जरी-जरदोजी पर्स व बेल्ट

फैशन शो में कुल तीन राउंड आयोजित हुए। इसमें पहला राउंड पारंपरिक वेशभूषा पर आधारित रहा, जिसमें मॉडल्स ने महेश्वरी और चंदेरी से तैयार साड़ियों को प्रदर्शित किया। इसके बाद मॉर्डन राउंड हुआ, इसमें पारंपरिक वेशभूषा को कंटेपरेरी स्टाइल से ड्रेप करके प्रस्तुत किया। अंत में इंडो वेस्टर्न राउंड हुआ। शो के दौरान मॉडल्स ने बेल्ट, शॉल, पर्स और एक्सेसरीज का बेहतरीन तालमेल प्रस्तुत किया। – डॉ. विजया भटोरे, फैकल्टी फैशन विभाग

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