
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बारहसिंगा की पुनर्स्थापना के पहले चरण में रविवार को यहां 19 बारहसिंगा लाए गए। बांधवगढ़ के मगधी परिक्षेत्र में 50 हेक्टेयर में बने सोलर फेंसिग युक्त बाड़े में इन्हें छोड़ा गया। परासी गेट पर कर्मचारियों ने ताली बजाकर बारहसिंगों का स्वागत किया। पहले चरण में जो 19 बारहसिंगा आए हैं, उनमें से 11 नर और 2 मादा हैं।
बांधवगढ़ में नहीं थे बारहसिंगा

बता दें कि, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अब तक बारहसिंगा नहीं थे। कान्हा टाइगर रिजर्व से इन्हें यहां लाकर बांधवगढ़ में पुनर्स्थापित किया जा रहा है। यह मप्र वन विभाग की महत्वाकांक्षी योजना है। बारहसिंगों की पुनर्स्थापना के लिए NTCA से सभी अनुमतियां पहले ही ली जा चुकी हैं। 16 मार्च 2023 को शिवराज सरकार की तरफ से भी कान्हा से 50 बारहसिंगा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ले जाने की अनुमति मिल गई थी।
#MP : #कान्हा से #बांधवगढ़_टाइगर_रिजर्व लाए गए 19 #बारहसिंगों को एन्क्लोजर में किया गया रिलीज। 50 हेक्टेयर में बनाया गया सोलर फेंसिंग युक्त बाड़ा। कुल 50 बारहसिंगे यहां किए जाएंगे पुनर्स्थापित।#MPNews #PeoplesUpdate @BandhavgarhTig2 #Reindeer @MPTourism pic.twitter.com/ztLOyVcVnf
— Peoples Samachar (@psamachar1) March 26, 2023
बारहसिंगा की पुनर्स्थापना के लिए उपयुक्त है बांधवगढ़
स्टेट फॉरेंसिक रिसर्च इंस्टीट्यूट (SFRI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बारहसिंगा की बसाहट के लिए उपयुक्त है। 50 बारहसिंगों की पुनर्स्थापना दो चरणों में की जानी है। रविवार को पहले चरण में रविवार को 19 बारहसिंगा छोड़े गए। इस मौके पर मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक (PCCF) जेएस चौहान, SFRI संचालक अमिताभ अग्निहोत्री, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा, उपसंचालक लवित भारती, SFRI के रवींद्रमणि त्रिपाठी और डॉ. मजूमदार के अलावा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक सुधीर मिश्रा व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
2012-13 में बसाए थे बायसन
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 2012-13 में बायसनों की भी पुनर्स्थापना की जा चुकी है। यहां कान्हा से बायसन लाकर छोड़े गए थे। अधिकारियों का कहना है कि बायसनों की संख्या बांधवगढ़ में तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में यहां से एक मादा बाघ को शिवपुरी नेशनल पार्क भेजा गया है।
(इनपुट गोपाल कृष्ण तिवारी)