
शाजापुर। मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में सरकारी गेहूं के भंडारण में भारी लापरवाही सामने आई है। जिले के दो वेयर हाउस में पिछले चार वर्षों से रखा 15 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं पूरी तरह खराब हो गया। इस गेहूं की अनुमानित कीमत करीब 10 करोड़ रुपए बताई जा रही है। खराब हुए गेहूं की नीलामी की गई, लेकिन वेयर हाउस संचालकों ने गोदाम खोलने से इनकार कर दिया। आखिरकार, प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा और तहसीलदार की मौजूदगी में गोदाम का ताला खुलवाया गया।
चार साल से रखा था गेहूं
यह सरकारी गेहूं शाजापुर जिले के भदौनी स्थित भगीरथ वेयर हाउस और भागीरथ एग्रो वेयर हाउस (एबी रोड) में वर्ष 2020-21 में स्टोर किया गया था। इतनी लंबी अवधि तक उचित देखरेख न होने के कारण यह गेहूं पूरी तरह सड़ चुका था और खाने योग्य नहीं रह गया था। इस मामले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर अनाज के खराब होने से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है।
नीलामी की प्रक्रिया शुरू, लेकिन गोदाम खोलने से इनकार
मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने गेहूं के खराब होने के बाद इसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की। नीलामी में पंजाब की कंपनी मेसर्स शमशेर सिंह एंड संस ने इसे खरीदा। लेकिन जब कंपनी को गेहूं लेने के लिए वेयर हाउस भेजा गया, तो संचालकों ने गोदाम का ताला खोलने से साफ इनकार कर दिया।
प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद खुला गोदाम
सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन के मैनेजर सुमित शर्मा ने बताया कि दो बार लिखित आदेश देने के बावजूद वेयर हाउस संचालकों ने गोदाम नहीं खोला। इस पर प्रशासन को दखल देना पड़ा। तहसीलदार मधु नायक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचीं और प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए गोदाम का ताला खुलवाया। जांच के दौरान पाया गया कि गोदाम में रखा गेहूं पूरी तरह खराब हो चुका है और अब इसे किसी भी रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता।
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