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फरवरी के अंत तक लागू हो सकती है लोकसभा चुनाव की आचार संहिता

चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के 30 से 50 दिन में हो सकती है वोटिंग

भोपाल। मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के साथ अब चुनाव आयोग आम चुनाव करवाने के लिए तैयार हो गया है। देशभर में इन सूचियों का काम पूर्ण हो गया। अब आयोग का अगला कदम देशभर में पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्सेज की उपलब्धता, उनका मूवमेंट, स्कूल-कॉलेजों में परीक्षा की स्थिति और सरकारी अवकाश को देखते हुए परिस्थितियों का अध्ययन कर किसी नतीजे पर पहुंचना है। वर्तमान तैयारियों को देखते हुए संकेत मिल रहे हैं कि इस बार आचार संहिता पिछली बार से पहले लागू हो सकती है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रोग्राम की घोषणा 10 मार्च 2019 को हुई थी। इस बीच सरकार की तैयारियां, भाजपा नेताओ के दौरे, देशभर में भाजपा के चुनाव कार्यालय खोले जाने और उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विधेयक पास होने के साथ इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि 2024 लोकसभा चुनावों के लिए आचार संहिता फरवरी के अंत तक लागू हो सकती है। पिछले चार आम चुनावों (2019, 2014, 2009 और 2004) पर नजर डालें, तो चुनाव आयोग ने चुनाव तारीख की घोषणा और वोटिंग के बीच लगभग 30 से 50 दिनों का अंतर रखा है। यानि इस बार भी चुनाव अप्रैल-मई में हो जाएंगे।

कैंपेन तक राम मंदिर लहर, यूसीसी का लाभ भी

भाजपा की चुनावी रणनीति प्रधानमंत्री पर केंद्रित होने के साथ, पार्टी के अभियान का जोर मोदी को ‘हिंदुत्व, विकास और भारत की वैश्विक छवि के प्रतीक’ के रूप में रखा जाएगा। सूत्रों के अनुसार सरकार भी चाहती है कि आम चुनाव जल्दी हों जिससे राम मंदिर बनने के बाद जो आस्था का सैलाब उमड़ा है, उसका लाभ भी भाजपा को मिल सके। उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विधेयक लाने के बाद भाजपा के तरकश में एक और तीर आ गया है। एक तरफ जहां राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भाजपा अपने चुनावी प्रचार को धार देने में जुट गई है, तो वहीं दूसरी ओर घटक दलों के अलग होने के साथ इंडिया गठबंधन भी कमजोर होता जा रहा है। दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस के उत्साह को बढ़ा दिया था, लेकिन राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के परिणामों ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के हौसले पर करारी चोट की है।

चुनावी वादों पर लगाई मुहर

देशभर में चुनावों को लेकर भाजपा कार्यालय भी खोले जा रहे हैं। भाजपा चुनावी वादों को पूरा करते जा रही है। पहले अनुच्छेद 370 को खत्म किया, इसके बाद राम मंदिर का निर्माण।अब बीजेपी अपने वादों में से एक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के दावे के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरने को तैयार है। उत्तराखंड के बाद भाजपा शासित राज्यों में इसे लागू किया जा सकता है।

कब होंगे 2024 लोस चुनाव?

बीते चार लोस चुनावों की बात करें तो अप्रैल से ही मतदान की शुरुआत हुई और मई तक चुनाव संपन्न हो जाते हैं। 2019 में 11 अप्रैल से, 2014 में 7 अप्रैल, 2009 में 16 अप्रैल और 2004 में 20 अप्रैल से चुनाव की शुरुआत हुई थी। विभिन्न राज्यों के स्कूल शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए ही चुनाव की तारीखें तय होंगी, क्योंकि बड़ी संख्या के मतदान केंद्र स्कूलों में ही बनाए जाते हैं। चुनाव कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी भी लगाई जाती है।

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