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ओंकारेश्वर में कल होगा आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण, CM शिवराज ने की लोगों से शामिल होने की अपील

भोपाल। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले स्थित एकात्म धाम ओंकारेश्वर में गुरुवार 21 सितंबर को आदि शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। इससे पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सभी से इस क्षण का साक्षी बनने की बुधवार को अपील की है। 15 सितंबर को सीएम ने मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम के लिए वैदिक रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना की और संतों के साथ यज्ञ शाला में आहुति अर्पित कर विशेष धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ किया।

बता दें कि प्रतिमा अनावरण का कार्यक्रम पहले 18 सितंबर तय किया गया था, जो कि लगातार हो रही बारिश के चलते तारीख में बदलाव किया है। अब 21 सितंबर को ओंकारेश्वर में 108 फीट ऊंची आदि गुरु शंकराचार्य की बहु धातु की प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ वननेस’ का अनवारण करेंगे।

एकात्मता की प्रतिमा स्थापित होगी प्रतिमा

सीएम शिवराज ने कहा कि, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक तथा भौगोलिक स्तर पर राष्ट्रीय एकता का सूत्रपात करने वाले साधक भगवान शंकराचार्य के आशीर्वाद से ओंकारेश्वर की पुण्य धरा पर ‘एकात्मता की प्रतिमा’ स्थापित हो रही है। यह प्रतिमा सम्पूर्ण विश्व को चैतन्य की सार्वभौमिक एकात्मता से आलौकित करेगी। 21 सितंबर को इस अलौकिक क्षण के साक्षी बनें।

उन्होंने कहा कि आचार्य शंकर अवतरित होने जा रहे हैं। ओंकारेश्वर की पुण्य भूमि से उनके प्रभामंडल का ओज पूरे विश्व में फैलने लगा है। सम्पूर्ण धरा हर्षित है। इस अलौकिक क्षण को मूर्त रूप लेते देख हृदय आह्लादित तथा आध्यात्मिक ऊर्जा से अनुप्राणित है। एकात्म की सार्वभौमिक यात्रा का मार्ग प्रशस्त करने वाले अद्वितीय अवसर के भागी बनें।

108 फीट ऊंची बहु धातु प्रतिमा है

बता दें कि पहले चरण में आचार्य भगवान की प्रतिमा का अनावरण होगा, उसके बाद बाकी के कार्य प्रारंभ होंगे। यह प्रतिमा 12 वर्ष के किशोर शंकर की 108 फीट ऊंची बहु धातु प्रतिमा है, जिसमें 16 फीट ऊंचे पत्थर से बना कमल का आधार है, 75 फीट ऊंचा पेंडिस्टल का निर्माण है। वहीं प्रतिमा में 45 फीट ऊंचा शंकर स्तम्भ पत्थर पर उकेरे गए आचार्य शंकर की जीवन यात्रा को दर्शाता है। इस मूर्ति के निर्माण में 250 टन से 31 ग्रेड की स्टेनलेस स्टील का उपयोग हुआ है। साथ 100 टन मिश्रधातु कांस्य में 88 टन तांबा, 4 टन जस्ता और 8 टन टिन का मिश्रण है। इस प्रतिमा में कंक्रीट के पेडिस्टल को 500 वर्षों का जीवन दर्शाने के उद्देश्य से निर्मित किया गया है। इस मूर्ति में 12 वर्षीय किशोर आचार्य शंकर के भाव भंगिमाएं जीवंत रूप से दिखाई पड़ेंगी, जो जन मानस में एकात्म भाव का संचार करते हुए लोगों के जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देगी।

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