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बागेश्वर धाम में राजस्थान के बाड़मेर से आई 10 वर्षीय मासूम की मौत, बाबा बोले ले जाओ इसे शांत हो गई, मिर्गी की बीमारी थी

छतरपुर। बागेश्वर धाम में रविवार को एक 10 वर्षीय बच्ची की मौत का मामला सामने आया है। बच्ची को मिर्गी के दौरे आते थे। परिजन उसे बाबा के पास लाए थे, जिससे वह ठीक हो जाए। लेकिन, उसकी जान नहीं बच पाई। परिजनों का कहना है कि बाबा ने बच्ची को भभूति दी थी, इसके बाद भी उसकी जान नहीं बच पाई।

बताया जा रहा है कि बुधराम अपनी 10 वर्षीय बच्ची विष्णु कुमारी को लेकर बाड़मेर से छतरपुर आए थे। उन्होंने बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का चमत्कार सुना था, इसके बाद वह मां धम्मू देवी और बच्ची की मामी गुड्डी के साथ बाड़मेर से 17 फरवरी को बागेश्वर धाम आए थे। बताया जा रहा है कि धाम में भी बच्ची को मिर्गी के दौरे आ रहे थे। वह रात भर जागती रही। दोपहर दोपहर में उसकी आंखें बंद हुईं तो परिजनों ने समझा बच्ची सो गई है। लेकिन शरीर में कोई हलचल नहीं थी। अनहोहनी की आशंका पर वे उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

बाबा ने दी थी भभूति

बच्ची की मामी गुड्डी ने बताया कि वे लोग डेढ़ साल से बागेश्वर धाम आ रहे हैं। इस बार 18 फरवरी शनिवार से बच्ची को परेशानी ज्यादा थी। उसे बाबा जी के पास ले गए तो उन्होंने भभूति भी दी, लेकिन बच्ची नहीं बची। बच्ची की मौत के बाद बाबा ने कहा- यह शांत हो गई है। इसे ले जाओ।

न स्ट्रेचर मिला न एंबुलेंस

बच्ची के शरीर में जब हलचल बंद हुई तो परिजन उसे लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, लेकिन शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। परिजन शव को राजस्थान के बाड़मेर ले जाना चाहते थे। बाद में वे बच्ची के शव को 11,500 रुपए में प्राइवेट एंबुलेंस करके राजस्थान ले गए। मासूम की मौत पर मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर दिखी। मासूम की मौत के बाद परिजनों को जिला अस्पताल में स्ट्रेचर तक नहीं मिला। बच्ची की मामी गुड्डी शव को गोद में उठाकर अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस तक ले गईं। हालांकि, पीड़ित परिवार ने इस बारे में और कुछ भी नहीं कहा।

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