
प्रीति जैन- वर्ल्ड यूथ स्किल्स डे हर साल एक नई ऊर्जा के साथ युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की ओर प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है। इसका मकसद स्कूल-कॉलेज लाइफ से ही स्टूडेंट्स को अपनी स्किल्स बढ़ाने के लिए तैयार करना हैं ताकि वे इंडस्ट्री रेडी होने के साथ ही आंत्रप्रेन्योरशिप की दिशा में आगे बढ़े। जो स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल इस बात को जल्दी समझ लेत हैं वे मार्केट में स्किल्स सेट की जरूरत के मुताबिक हमेशा तैयार रहते हैं। भोपाल में ऐसे कई स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स हैं जो कि अपने कोर्स या सिलेबस की पढ़ाई से हटकर स्किल्स कोर्स करके खुद को अपग्रेड रखते हैं ताकि वे हमेशा इंडस्ट्री रेडी रहें। इसकी बदौलत कोई भारत सरकार के एनपीटीईएल का स्टार फेस है तो कोई कॉलेज में पढ़ाई के साथ ही अपना स्टार्ट-अप शुरू कर चुका है।
कॉलेज में पढ़ाई के साथ शुरू किया अपना स्टार्ट-अप
हमने अपने स्टार्ट अप व्हील्स ऑन डिमांड पर कॉलेज टाइम से काम शुरू कर दिया था। पहले ही साल में हमारा सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपए रहा। हमने ऐसा सॉफ्टवेयर और ऐप डेवलप किया है जिससे बाहर से आने वाले माल को डिस्ट्रीब्यूटर तक सही समय व सुरक्षित ढंग से पहुंचाया जाता है। खासतौर पर आरयन लॉ मटेरियल, फर्नीचर, अनाज और सब्जियों के बड़े स्टॉक की डिलीवरी कराते हैं। हमने पढ़ाई के साथ इनक्यूबेशन सेंटर में अपना आइडिया डेवलप किया। हमने एंड्रॉइड ऐप बनाने के लिए खुद कोटलीन लैंग्वेज सीखी। गूगल के फ्री कोर्सेस किए। दूसरा, यदि परिवार का बिजनेस का बैकग्राउंड है तो जरूर इस फील्ड में उतरे क्योंकि इसकी लर्निंग बचपन से ही मिल जाती है। हम दोनों ने इसी सोच को फॉलो किया। – करण के.राव-दिती मौर्य, यंग आंत्रप्रेन्योर
7 साल में किए 50 स्किल डेवलपमेंट कोर्स
मैं नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी इनहैंस्ड लर्निंग (एनपीटीईएल) के 7 साल में 50 से अधिक स्किल डेवलपमेंट कोर्स पूरे किए हैं। छात्रों को मोटिवेट करने के लिए पहले खुद शुरुआत की थी। इसमें मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन द्वारा फ्री कोर्सेस कराए जाते हैं। एनपीटीईएल की तरफ से 14 बार स्टार कैंडीडेट चुना गया हूं। मुझे देखकर स्टूडेंट्स ने स्किल डेवलपमेंट के कोर्स करना शुरू किए। मैंने हाल में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, ई-वेस्ट मैनेजमेंट, स्ट्रेट मैनेजमेंट, इमोशनल इंटेलिजेंस सहित कई स्किल डेवलपमेंट कोर्स किए हैं। बतौर फैकल्टी इंडस्ट्री के मुताबिक हमें भी खुद को तैयार रखना होता है ताकि छात्रों को गाइड कर सकें। – प्रो.डॉ. अमितबोध उपाध्याय, फैकल्टी
9 हैकेथॉन जीते, स्किल पर रहता है फोकस
मैंने कॉलेज के सेकंड ईयर में हूं और अभी तक 13 में से 9 हैकेथॉन जीत चुका हूं, जिसमें स्टेट व कॉलेज लेवल के कॉम्पिटिशन शामिल हैं। मुझे साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट बनना है तो मेरा पूरा समय इसी की लर्निंग में बीतता है। अब मैंने काफी स्टडी इसके बारे में कर ली है तो सर्टिफाइड एथिकल हैकर का एग्जाम दे रहा हूं, क्योंकि उसी के बाद कानूनी तौर पर खुद को साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट कह सकते हैं। हाल में सिस्टेक स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन में मैंने अपनी टीम के साथ एलेक्सा की रेप्लिका पर काम किया जिसमें विजेता रहा। – सुमित राज, सीएस स्टूडेंट, हैकेथॉन विनर