नई दिल्ली। कैंसर से जूझ रहे लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करने और उनका दुख बांटने के लिए हर साल 22 सितंबर को दुनियाभर में विश्व गुलाब दिवस (World Rose day) मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है जो कैंसर से लड़ने वाले लोगों में आशा और उत्साह फैलाने के लिए समर्पित है। इसके साथ ही इस दिन को मनाने का मकसद कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना भी है। कैंसर बहुत ही गंभीर बीमारी है जो व्यक्ति को शारीरिक ही नहीं मानसिक तौर पर भी तोड़ देती है। तो ऐसे लोगों को अकेला न छोड़े बल्कि उनके साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं और खुश रखने का प्रयास करें। वहीं विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) 4 फरवरी को मनाया जाता है, इस साल विश्व कैंसर दिवस थीम 2021 “I Am And I Will” थी।
‘वर्ल्ड रोज डे’ का इतिहास
रोज डे कनाडा की मेलिंडा रोज की याद में मनाया जाता है। जिन्हें महज 12 साल की उम्र में ब्लड कैंसर हो गया था। इलाज के बाद डॉक्टरों ने कहा था कि मेलिंडा रोज एक हफ्ते से ज्यादा जीवित नहीं रह पाएंगी। लेकिन वो 6 महीने तक जिंदा रहीं। कैंसर से लड़ने की उम्मीद के साथ उन्होंने ये 6 महीने कैंसर से जूझ रहे मरीजों के साथ ही बिताए। नोट्स, कविताएं और ई-मेल के जरिए उन लोगों को खुश रखने के प्रयास किए। बहुत सारे लोगों को उन्होंने अपने इस जज्बे से प्रभावित किया। 22 सितम्बर को उनकी मौत हो गई थी। इन्हीं की याद में विश्व रोज दिवस मनाया जाता है।
कैंसर और गुलाब का कनेक्शन
इस दिन कैंसर मरीजों और उनकी देखरेख करने वालों को गुलाब का फूल दिया जाता है। जिसके जरिए यह संदेश भी दिया जाता है कि जिंदगी अभी खत्म नहीं हुई है। भले ही इस बीमारी से वो अकेले लड़ रहे हैं लेकिन मानसिक तौर पर उनके साथ हम भी खड़े हैं। गुलाब का फूल खुशी का प्रतीक होता है इसलिए इस फूल को दिया जाता है। इस दिन को मनाने का खास मकसद ही कैंसर से लड़ने वाले लोगों को जीने की प्रेरणा देना और उनके जीवन में खुशियां लाना है, ये दिन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए है। ‘विश्व रोज डे’ के दिन कैंसर पीड़ित मरीज को गुलाब दिया जाता है जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने की शक्ति मिले।