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World Radio Day : 123 साल का हुआ रेडियो, कभी घर और चौबारों में गूंजती थी आवाज, जानें बदलते दौर के साथ कितना बदल गया रेडियो

लाइफस्टाइल डेल्क। आज वर्ल्ड रेडियो डे मनाया जा रहा है। गुल्येल्मो मार्कोनी ने इंग्लैंड से अमरीका संदेश भेजकर 1900 में रेडियो की शुरुआत कर दी थी। जिसके बाद 1936 में रेडियो ने भारत में कदम रखा। भारत के लिए रेडियो हर गांव, कस्बे और मोहल्ले तक पहुंचने वाली सूचना की बुलंद आवाज रहा है। टेलीविजन और सूचना के दूसरे माध्यमों से पहले केवल रेडियो का ही बोल- बाला था। जब दुनिया में 70 और 80 के दशक में टीवी की एंट्री हुई तो आशंका जताई गई कि रेडियो का दौर खत्म हो जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। समय के साथ-साथ कई टेक्नोलॉजी आई, जिसमें रेडियो ने भी अपना रूप बदला और आज भी लोग रेडियो को सुनना पसंद करते हैं।

इस साल की थीम

13 फरवरी 1946 में वर्ल्ड रेडियो डे की शुरुआत हुई थी। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय रूप से रेडियो दिवस मनाने के लिए 13 फरवरी की तारीख को चुना गया। हर साल इस दिन की एक थीम निर्धारित होती है। साल 2024 की थीम है- ‘Radio : A century of informing, entertaining and educating’। यह दिन इसलिए मनाया जाता है कि लोगों में रेडियो के प्रति जागरूकता हो और लोग उसके महत्व के बारे में जानें।

सूचना के आदान-प्रदान का जरिया

रेडियो की जब शुरुआत हुई, तब वह सूचना के आदान-प्रदान का प्रमुख साधन बन गया। क्योंकि उस समय में रेडियो के जरिए ऐसी जगहों पर ही सूचनाएं और खबरें पहुंच सकती थी, जहां सोचा भी नहीं जा सकता था। रेडियो की पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई कि वह उस समय में दुनिया भर में सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाने वाला संचार माध्यम बन गया।

मनोरंजन करने में भी रेडियो ने मारी बाजी

सूचना देने के साथ-साथ रेडियो ने लोगों का मनोरंजन करना शुरू कर दिया। मनोरंजक बनाने में 24 दिसंबर 1906 का दिन रेडियो के लिए यादगार रहा। जब शाम को वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने अपना वॉयलिन बजाया और अटलांटिक महासागर में तैर रहे जहाजों के रेडियो पर उस संगीत को सुना।

रेडियो की जर्नी उतार-चढ़ाव के साथ

रेडियो जब अपने पीक पर था धीरे-धीरे सभी के घरों में टीवी आ गए और आज वो समय है, जब सबके पास स्मार्ट फोन हैं। इसके बावजूद भी आज रेडियो का महत्व खत्म नहीं हुआ। टेक्नोलॉजी के साथ-साथ रेडियो में भी बदलाव आया। अब रेडियो को सुनने के लिए आपको केवल इंटरनेट कनेक्शन और आपका स्मार्ट फोन चाहिए। दुनिया के हर कोने में आप रेडियो को तरह-तरह फ्रीक्वेंसी पर सुन सकते हैं। रेडियो की प्रोग्रेस आप इस बात से लगा सकते हैं कि आप एक जगह बैठे पूरे वर्ल्ड के रेडियो को सुन सकते हैं।

सोशल मीडिया के जमाने में रेडियो आज भी लोकप्रिय

आज के समय में रेडियो से अलग सूचना प्रसारण के कई माध्यम आ गए हैं। हालांकि, सूचना के ये माध्यम कई मायनों में बेहतर तो हैं इसके बावजूद भी रेडियो की लोकप्रियता को टक्कर नहीं दे पाए। आज भी लोग काम करते समय या यात्रा पर जाते समय रेडियो को सुनना पसंद करते हैं। दूसरी ओर रेडियो द्वारा प्रसारित की गई सूचना के मामले में विश्वसनीयता है, क्योंकि इस माध्यम की आवाज दूर-दराज के इलाकों तक रहती है। ऐसे में जन-जन को सही सूचना देना रेडियो की बड़ी जिम्मेदारी हमेशा ही रही है।

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