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World Literacy Day: 1966 में पहली बार मनाया गया था साक्षरता दिवस, जानिए इस बार की थीम

नई दिल्ली। दुनिया भर में आज साक्षरता दिवस 2021 मनाया जा रहा है। यह दिन साक्षरता के महत्व को चिह्नित करने और यह याद दिलाने के लिए मनाया जाता है कि साक्षरता एक अधिकार है। साक्षरता न केवल लोगों को सम्मान के साथ जीने में मदद करती है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाती है। भारत का सर्व शिक्षा अभियान इस दिशा में सराहनीय कदम हैं।

साक्षरता क्या है

साक्षरता शब्द साक्षर से आया है, जिसका अर्थ होता है, पढ़ने और लिखने में सक्षम। दुनिया के सभी देशों में समाज के हर वर्ग तक शिक्षा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत की गई।

क्या है साक्षरता दिवस का इतिहास

यूनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड क्लचरल ऑर्गेनाइजेशन (UNESCO) ने पहली बार 7 नवम्बर 1965 को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का फैसला लिया था। जिसके बाद से हर साल 8 सितम्बर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। साल 1966 में पहली बार साक्षरता दिवस मनाया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021: थीम

विश्व साक्षरता दिवस के लिए इस वर्ष की थीम “ह्यूमन सेंटर्ड रिकवरी के लिए साक्षरता: डिजिटल डिवाइड को कम करना” है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी ने बच्चों, युवाओं और वयस्कों की शिक्षा में काफी प्रभावित किया है और कई मुश्किलें खड़ी की है, इसने नागरिकों के बीच ज्ञान के विभाजन को बढ़ा दिया है। ILD 2021 की थीम डिजिटल साक्षरता के बारे में लोगों में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए निर्धारित है।

भारत में साक्षरता दर

भारत में 2011 में पिछली जनगणना के अनुसार कुल 74.04 प्रतिशत साक्षर हैं, जिसमें पिछले दशक (2001-11) से 9.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यूनेस्को के अनुसार देश को सार्वभौमिक साक्षरता प्राप्त करने में और 50 वर्ष लगेंगे जो कि 2060 है।

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